BY: Yoganand Shrivastva
हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। बीते 24 घंटों में राज्य में बादल फटने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है। इसके चलते राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित
राज्य का मंडी जिला इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से हालात गंभीर हो गए हैं। ब्यास नदी उफान पर है और कई क्षेत्रों में भारी तबाही की खबरें सामने आ रही हैं। मंडी के थुनाग, करसोग, गोहर और धर्मपुर के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ दिनों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश, भूस्खलन और अचानक बाढ़ की संभावना जताई गई है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे संवेदनशील इलाकों की यात्रा न करें और पूरी सतर्कता बरतें।
सड़कों और जरूरी सेवाओं पर असर
बारिश और भूस्खलन के चलते राज्यभर में बुधवार सुबह तक 282 सड़कों पर यातायात पूरी तरह ठप रहा। मंडी में अकेले 182 सड़कें बंद पड़ी हैं। वहीं, कुल्लू में 37, शिमला में 33 और सिरमौर में 12 सड़कें प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा 1361 बिजली के ट्रांसफार्मर और 639 जलापूर्ति योजनाएं भी बंद हो गई हैं।
51 मौतें, 103 घायल और 22 लोग लापता
मॉनसून की शुरुआत 20 जून से हुई थी, और तब से अब तक बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं में कुल 51 लोगों की मौत हो चुकी है। 103 लोग घायल हुए हैं, जबकि 22 लोग अब भी लापता हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन मौसम की मार के चलते राहत अभियान में रुकावटें आ रही हैं।