BY: Yoganand Shrivastava
मंड्या, कर्नाटक , कभी-कभी किस्मत ऐसा मोड़ लेती है कि मौत के करीब पहुंच चुका इंसान भी चमत्कारिक रूप से बच जाता है। कर्नाटक के मंड्या जिले के श्रीरंगपट्टना क्षेत्र में एक 19 वर्षीय युवती की आत्महत्या की कोशिश उस समय टल गई, जब वह बहती कावेरी नदी में एक पेड़ में फंस गई और उसकी जान बच गई।
क्या है पूरी घटना?
बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक सिटी की रहने वाली पवित्रा नामक युवती ने गुरुवार शाम कावेरी नदी में छलांग लगाकर जान देने की कोशिश की। नदी का बहाव काफी तेज था और पवित्रा करीब 5 किलोमीटर दूर हंगराहल्ली तक बहती चली गई। लेकिन इस दौरान एक पेड़ की शाखाओं में फंसने की वजह से वह बहाव में पूरी तरह नहीं डूब पाई और जीवित रही।
पूरी रात पेड़ में फंसी रही युवती
तेज बहाव के बीच पवित्रा उस पेड़ पर ही रातभर फंसी रही। शुक्रवार सुबह जब वह नदी किनारे खड़े कुछ लोगों को दिखाई दी और उसने आवाज लगाई, तो स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी।
अरकेरे पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर एन. विनोद कुमार के नेतृत्व में राहत टीम मौके पर पहुंची। कठिन हालात में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और आखिरकार पवित्रा को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद उसे पास के श्रीरंगपट्टना सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अब उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने युवती के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पवित्रा ने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम क्यों उठाया।
प्रशासन का कहना है कि लड़की की मानसिक स्थिति, पारिवारिक परिस्थितियों और अन्य संभावित कारणों की गहराई से जांच की जा रही है।
संयोग ने बचाई जान
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि जीवन में संयोग और समय कितना महत्वपूर्ण होता है। अगर पवित्रा नदी की धार में सीधे बह जाती या वह पेड़ वहां न होता, तो शायद उसकी जान नहीं बच पाती। लेकिन उस पेड़ की शाखाएं उसकी ज़िंदगी की डोर बन गईं, जिसने उसे पूरी रात सहारा दिया और अगली सुबह सही समय पर मदद पहुंच गई।