Mohit Jain
रिलायंस के नियंत्रण वाली जियोस्टार ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के साथ 2024 से 2027 तक की इंडिया मीडिया राइट्स डील से बाहर निकलने का फैसला किया है। कंपनी ने ICC को साफ कर दिया है कि वह भारी आर्थिक नुकसान के कारण चार साल की इस डील के बाकी दो साल पूरे नहीं कर पाएगी।
25 हजार करोड़ की थी पूरी डील

2023 में ICC ने अपने 4 साल (2024–27) के सभी टूर्नामेंट्स के भारत में प्रसारण अधिकार जियोस्टार (तब स्टार इंडिया) को करीब 3 अरब डॉलर यानी लगभग 25,000 करोड़ रुपए में बेचे थे। इस हिसाब से जियोस्टार को हर साल औसतन 6,000 करोड़ रुपए ICC को चुकाने थे।
विज्ञापन घटे, कमाई नहीं बढ़ी
क्रिकेट प्रसारण के जरिए जियोस्टार को जितनी कमाई की उम्मीद थी, उतनी हो नहीं सकी। रियल मनी गेमिंग एप्स पर बैन के बाद विज्ञापन से होने वाली आय भी तेजी से घट गई। ये एप्स पहले क्रिकेट के सबसे बड़े विज्ञापनदाता थे, जिससे कंपनी की आमदनी को बड़ा झटका लगा।
25,760 करोड़ तक पहुंचा अनुमानित घाटा
कंपनी ने अपने अकाउंट में पहले ही घाटे का प्रोविजन करना शुरू कर दिया था।
- 2023–24 में जियोस्टार ने करीब 12,319 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया था।
- 2024–25 में यह नुकसान बढ़कर करीब 25,760 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
सीधे शब्दों में कहें तो जियोस्टार ने 25,000 करोड़ में राइट्स खरीदे, लेकिन अब उसे उतना पैसा भी वापस मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही।

T20 वर्ल्ड कप फ्री दिखाना भी बना घाटे की वजह
2024 में अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले गए T20 वर्ल्ड कप को जियोस्टार ने हॉटस्टार पर मुफ्त में दिखाया था। इससे व्यूअरशिप तो बढ़ी, लेकिन कंपनी को इससे सीधा आर्थिक फायदा नहीं हुआ।
ICC नए ब्रॉडकास्टर की तलाश में
जियोस्टार के फैसले के बाद ICC ने सोनी, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो से संपर्क किया है, लेकिन अब तक किसी भी प्लेटफॉर्म ने ज्यादा कीमत होने की वजह से राइट्स में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इससे ICC के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
2026–29 के लिए नई बोली प्रक्रिया शुरू
ICC ने 2026 से 2029 तक के इंडिया मीडिया राइट्स के लिए नई सेल प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए करीब 2.4 अरब डॉलर की कीमत मांगी जा रही है, जबकि मौजूदा 2024–27 की डील 3 अरब डॉलर की थी।
भारत से ICC की 80 प्रतिशत कमाई
ICC की कुल आमदनी का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा भारत से आता है। साल 2024 में ICC ने करीब 474 मिलियन डॉलर यानी लगभग 4,000 करोड़ रुपए का सरप्लस कमाया था।
ICC को मुनाफा, जियोस्टार को नुकसान क्यों

ICC को भारत में राइट्स बेचकर बड़ा मुनाफा होता है, लेकिन जियोस्टार को विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन से उम्मीद के मुताबिक रेवेन्यू नहीं मिल पाया। रियल मनी गेमिंग एप्स के बैन से जो गैप बना, उसे ट्रेडिशनल ब्रांड्स भी पूरी तरह भर नहीं सके।
ICC के सामने सीमित विकल्प
भारत में स्पोर्ट्स मीडिया मार्केट पर फिलहाल जियोस्टार और सोनी का दबदबा है। मर्जर के बाद यह वर्चुअल ड्यूपॉली बन चुकी है, जिससे ICC के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं।
सोनी ने पहले ही एशियन क्रिकेट काउंसिल, न्यूजीलैंड क्रिकेट और इंग्लैंड बोर्ड के करोड़ों के राइट्स ले रखे हैं, लेकिन वह फिलहाल ICC डील से दूरी बनाए हुए है।
2027 तक जियोस्टार पर ही जिम्मेदारी
ICC के साथ हुए मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक जियोस्टार 2027 तक इस डील से बंधी हुई है। यानी अगर कोई नया ब्रॉडकास्टर नहीं मिला, तो कंपनी को घाटे में रहने के बावजूद मैचों का प्रसारण करना ही पड़ेगा।





