जबलपुर के चेरीताल इलाके में रहने वाले 70 वर्षीय वी.के. कपूर गुरुवार सुबह अखबार पढ़ रहे थे, तभी उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया। कॉल पर एक शख्स पुलिस की वर्दी में दिखा, जिसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का डीसीपी विजय खन्ना बताया। उसने कहा, “आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की FIR दर्ज है। पुलिस आपको गिरफ्तार करने आने वाली है। किसी को बताया तो जिंदगी भर जेल में सड़ना पड़ेगा।” यह सुनते ही बुजुर्ग घबरा गए।
डिजिटल अरेस्ट: बंद कमरे में कैमरे के सामने रखा गया
ठग ने बुजुर्ग से कहा कि एक कमरे में जाकर दरवाजा बंद करें और फोन का कैमरा बंद न करें। इसके बाद लगातार धमकी देते हुए कहा गया कि उनका मोबाइल और बैंक खाता मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुआ है।
डरे हुए बुजुर्ग ने दोपहर में यश बैंक जाकर RTGS के जरिए 45 लाख रुपए एक खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बावजूद ठग ने उन्हें पूरी रात कमरे में डिजिटल अरेस्ट में रखा।
ठगी के बाद भी धमकी: अश्लील कॉल और बच्चों को फंसाने की धमकी
रुपए ट्रांसफर हो जाने के बाद भी कॉल करने वाले ने उन्हें डराना जारी रखा। उसने कहा कि उनके फोन से अश्लील कॉल और मैसेज भेजे गए हैं और कई शिकायतें मिल चुकी हैं। साथ ही यह भी कहा कि अगर वह बात नहीं मानते तो न केवल उन्हें जेल होती बल्कि उनके बच्चे भी फंस सकते थे।
अगले दिन जब फोन बंद हुआ, तब बुजुर्ग ने बेंगलुरु में रह रहे बेटे को घटना बताई। बेटे ने तुरंत साइबर क्राइम का मामला समझते हुए उन्हें शिकायत करने को कहा।
स्टेट साइबर सेल में दर्ज हुई शिकायत
वी.के. कपूर ने स्टेट साइबर सेल में शिकायत दी, जिसके बाद जांच में पता चला कि जिन खातों में पैसे ट्रांसफर हुए हैं, वे कोलकाता स्थित हैं। पुलिस अब ठगों की तलाश में जुट गई है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली घटना नहीं है। बीते कुछ महीनों में जबलपुर में कई बुजुर्ग डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं:
- जनवरी 2025: रांझी में बुजुर्ग दंपति से 56 लाख की ठगी
- जनवरी 2025: एक महिला से 35 लाख की ठगी
- दिसंबर 2024: बुजुर्ग दंपति से 12 लाख रुपए ठगे गए
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?
यदि आपको इस प्रकार का कॉल आए तो तुरंत:
- टोल-फ्री नंबर 1930 पर संपर्क करें
- स्टेट साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं
- अंजान अंतरराष्ट्रीय कॉल या वीडियो कॉल रिसीव न करें
- खुद को सरकारी अफसर बताने वाले कॉल्स से सावधान रहें
- कभी भी डर या धमकी में आकर पैसे ट्रांसफर न करें
यह घटना एक चेतावनी है कि साइबर अपराधी अब डिजिटल अरेस्ट जैसी मनोवैज्ञानिक चालें अपनाकर आम लोगों को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं। सतर्क रहें, जागरूक बनें और किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर बिना जांच किए प्रतिक्रिया न दें।





