➡गाजियाबाद में तैनाती के दौरान किए कार्यों का लेकर अवार्ड
➡कुख्यात गैंगस्टर बिल्लू दुजाना को गिरफ्तार किया था
➡28 मार्च 2022 में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था
➡दुजाना से मुठभेड़ के दौरान दीक्षा शर्मा को गोली लगी थी
➡बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने से बची थीं एसपी दीक्षा शर्मा जान
डॉ. दीक्षा शर्मा: डॉक्टर से IPS अफसर बनने का प्रेरणादायक सफर
dr. deeksha sharma, यूपी पुलिस की एक ऐसी दबंग IPS अफसर हैं, जो अपने फैसले ऑन द स्पॉट लेने के लिए जानी जाती हैं। अनुशासन और ईमानदारी उनकी पहचान है। उनके काम करने का तरीका इतना प्रभावशाली है कि वह अपने महकमे में भी बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई करती हैं। दीक्षा शर्मा ने हमीरपुर में सपा नेता और बड़े माफिया के किले को गिराकर अपने साहस का परिचय दिया।
गाजियाबाद में 5 साल की बच्ची के साथ हुए रेप और मर्डर केस को सुलझाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। सिर्फ 65 दिनों के भीतर रेपिस्ट को सजा दिलाकर उन्होंने न्याय प्रणाली में अपनी प्रतिबद्धता साबित की। 2017 बैच की IPS अधिकारी दीक्षा शर्मा वर्तमान में हमीरपुर जिले की एसपी हैं।

बचपन और पढ़ाई:
मध्य प्रदेश के ग्वालियर की सिंधी कॉलोनी में 1 मई 1990 को देशराज और अंजना शर्मा के घर बेटी दीक्षा का जन्म हुआ। उनकी परवरिश एक सुसंस्कृत और प्रेरणादायक माहौल में हुई। पिता महिला एवं बाल विकास विभाग में प्रोजेक्ट अधिकारी थे और मां सरकारी शिक्षिका। दोनों ने दीक्षा को शिक्षा का महत्व समझाया और हमेशा प्रेरित किया।
दीक्षा ने ग्वालियर के एमपी बोर्ड से पढ़ाई की। 2006 में हाई स्कूल और 2008 में 12वीं फर्स्ट डिवीजन में पास की। उनके पिता का सपना था कि दीक्षा डॉक्टर बनें और मरीजों की सेवा करें। पिता के इस सपने को पूरा करने के लिए दीक्षा ने मेडिकल की पढ़ाई में कदम रखा।

डॉक्टर से IPS बनने तक का सफर:
2009 में उन्होंने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई शुरू की। MBBS पूरा करने के बाद दीक्षा की नौकरी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में लग गई, जहां वह स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर कार्यरत रहीं। इस दौरान उन्होंने कई मरीजों का इलाज किया और खूब सराहना बटोरी।
इसी दौरान, दीक्षा ने अपने सीनियर्स को UPSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते और अफसर बनते देखा। उनकी चर्चा और प्रेरणादायक कहानियों ने दीक्षा के मन में अफसर बनने की इच्छा जगा दी।
एक दिन दीक्षा ने अपने माता-पिता से इस सपने को साझा किया। पिता ने गर्व से कहा, “तुम इसमें जल्दी ही सफल हो जाओगी।” मां ने भी पूरा समर्थन दिया। बिना कोचिंग के, सिर्फ सेल्फ-स्टडी के जरिए दीक्षा ने तैयारी शुरू की। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। 2017 में उन्हें IPS सेवा के लिए चुना गया और यूपी कैडर मिला।
अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैया:
IPS बनने के बाद दीक्षा ने कई बड़ी जिम्मेदारियां संभालीं। हमीरपुर में उन्होंने बड़े माफिया का किला गिराया और अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। गाजियाबाद में मासूम बच्ची के केस में त्वरित न्याय दिलाकर उन्होंने समाज में न्याय और सुरक्षा की मिसाल कायम की।
छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल:
दीक्षा अक्सर सादे कपड़ों में स्कूल-कॉलेज जाकर छात्राओं से संवाद करती हैं। वह उन्हें आश्वस्त करती हैं कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं और हर हाल में उनकी मदद के लिए तैयार हैं।
प्रेरणा और संदेश:
डॉ. दीक्षा शर्मा का सफर यह दिखाता है कि लगन और मेहनत से हर सपना साकार किया जा सकता है। उन्होंने पहले अपने पिता का सपना पूरा किया और फिर खुद के सपने को हकीकत में बदला। दीक्षा आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
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