रिपोर्ट- हिमांशु पटेल
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास पर कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई। बैठक में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों से जुड़े मामलों को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। मंत्रिमंडल ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की समीक्षा, निराकरण और न्यायालय से वापसी की प्रक्रिया को औपचारिक मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही, नक्सल उन्मूलन और पुनर्वास को मजबूत करने वाले कई अन्य प्रस्तावों पर भी सहमति बनी।
कैबिनेट में लिए गए प्रमुख निर्णय
- आत्मसमर्पित नक्सलियों के मामलों की समीक्षा प्रक्रिया
- साय कैबिनेट ने निर्णय लिया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों पर दर्ज प्रकरणों की गहन जांच के लिए मंत्रिपरिषद की उप-समिति का गठन किया जाएगा।
- यह समिति सभी मामलों की पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
नीति-2025 के अनुरूप फैसले
ये सभी निर्णय छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 के प्रावधानों के अनुरूप हैं। इस नीति के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों के सकारात्मक आचरण और नक्सलवाद समाप्त करने में उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए मामलों के निराकरण पर विचार किया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक शुरू pic.twitter.com/BFHoSSHH1c
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) December 10, 2025
जिला स्तर पर समिति का गठन
आत्मसमर्पित नक्सलियों के केस वापस लेने की प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने के लिए जिला स्तरीय समिति बनाई जाएगी। यह समिति संबंधित नक्सली के विरुद्ध दर्ज मामलों की जांच करेगी और प्रकरण वापसी के लिए अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपेगी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय अपनी अनुशंसा के साथ प्रस्ताव शासन को भेजेगा। विधि विभाग की राय प्राप्त करने के पश्चात मामलों को मंत्रिपरिषद उप-समिति के समक्ष रखा जाएगा।
- अंतिम मंजूरी और आगे की प्रक्रिया
- उप-समिति द्वारा चर्चा और परीक्षण के बाद
- अनुशंसित मामलों को अंतिम स्वीकृति हेतु मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
- केंद्र सरकार से जुड़े मामलों में आवश्यक अनुमति प्राप्त की जाएगी।
- अन्य मामलों को संबंधित न्यायालय में लोक अभियोजन अधिकारी के माध्यम से वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।





