BY: MOHIT JAIN
हैदराबाद के सिकंदराबाद इलाके से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। पुलिस ने बोयनपल्ली स्थित एक स्कूल में चल रही ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। इस ऑपरेशन ने साफ कर दिया कि अपराधी अब कानून से बचने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।
मास्टरमाइंड का डबल रोल: दिन में ड्रग्स, शाम को ट्यूशन
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मेधा हाई स्कूल को बंद करके उसके अंदर ड्रग फैक्ट्री बनाई गई थी। इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड गौड़ नाम का शख्स था, जो दिन में फैक्ट्री में खतरनाक ड्रग ‘अल्फा जोलम’ तैयार करता और शाम को ट्यूशन क्लासेस चलाता था। इस चतुराई भरे प्लान की वजह से किसी को शक भी नहीं हुआ।
‘अल्फा जोलम’ की सप्लाई कई राज्यों में
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल में बनी यह खतरनाक ड्रग हैदराबाद के अलावा आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु तक सप्लाई की जा रही थी। तीन मंजिला इमारत को फैक्ट्री में बदल दिया गया था, जहां चार रिएक्टरों की मदद से बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा था।
ऑपरेशन के दौरान पुलिस को:
- 5 किलो अल्फा जोलम
- ₹20 लाख नकदी
- ड्रग मैन्युफैक्चरिंग उपकरण और रसायन
- चार बड़े रिएक्टर
बरामद हुए।
रंगे हाथों पकड़ा गया मास्टरमाइंड
पुलिस की ईगल टीम ने गुप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गौड़ को फैक्ट्री से ही रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 5 किलो अल्फा जोलम भी बरामद किया गया।
चार कर्मचारी भी गिरफ्तार
जांच के दौरान पुलिस ने फैक्ट्री में काम कर रहे चार अन्य कर्मचारियों को भी पकड़ा। बताया जा रहा है कि गौड़ उन्हें स्कूल के अंदर ही रखता था ताकि फैक्ट्री का राज़ बाहर न जाए।
पुलिस की जांच जारी
फिलहाल पुलिस इस केस के हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है। टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है और ड्रग सप्लाई का जाल कितना बड़ा है।