गाजा में मानवता की स्थिति बहुत ही नाज़ुक हो गई है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंची, तो अगले 48 घंटों में गाजा के 14,000 बच्चे अपनी जान गंवा सकते हैं। 11 हफ्तों से चले आ रहे कड़े नाकेबंदी के बाद हाल ही में मदद पहुंचाने की अनुमति मिली है, लेकिन अब भी स्थिति बेहद चिंताजनक है।
गाजा की नाकेबंदी और मानवीय संकट
- गाजा पर 11 हफ्ते तक पूरी तरह से कड़ी नाकेबंदी लगी रही, जिससे खाद्य सामग्री और जरूरी दवाइयां बंद हो गईं।
- इस समय लाखों लोग भूख और बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, खासकर छोटे बच्चे और शिशु।
- सोमवार को मात्र 5 ट्रक मदद गाजा पहुंच सके, जिनमें बच्चों के लिए भोजन भी शामिल था।
यूएन के मानवतावादी प्रमुख टॉम फ्लेचर ने इसे “सागर में बूंद” बताते हुए कहा कि यह मदद ज़रूरतमंदों तक अभी भी नहीं पहुंच पाई है।
14,000 बच्चे भूख से मरने के कगार पर
BBC रेडियो 4 से बातचीत में टॉम फ्लेचर ने कहा:
“अगर हम इन्हें नहीं पहुंचा पाए तो अगले 48 घंटों में 14,000 बच्चे मर जाएंगे। हम जोखिम लेकर बच्चों को खाना पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि कई माताएं खुद कुपोषित हैं और अपने बच्चों को नहीं खिला पा रही हैं।”
यह संख्या गाजा में शिशुओं की जान बचाने के लिए जल्द से जल्द सहायता पहुंचाने की जरूरत को दर्शाती है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव और राजनैतिक स्थिति
- ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा के नेताओं ने इस नाकेबंदी की कड़ी निंदा की है।
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मिलकर चेतावनी दी है कि अगर मदद पर रोक नहीं हटी तो संयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इस दबाव के चलते रविवार रात को नाकेबंदी को थोड़ा कम करना पड़ा, लेकिन वे अब भी सहायता को सीमित रख रहे हैं।
आगे क्या हो सकता है?
यूएन को उम्मीद है कि जल्द ही गाजा में 100 से अधिक ट्रक राहत सामग्री पहुंचाई जा सकेगी। इनमें विशेष रूप से शिशुओं के लिए पोषणयुक्त भोजन शामिल होगा।
क्यों शिशु सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?
- शिशु कुपोषण और बीमारियों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होते हैं।
- नाकेबंदी की वजह से उनके लिए जरूरी दूध, साफ पानी और दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं।
- माताएं खुद कुपोषित होने के कारण बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं दे पा रही हैं।
यूएन कैसे करता है सहायता का आकलन?
- यूएन की टीमें मेडिकल सेंटर, स्कूल और सामुदायिक केंद्रों में काम कर रही हैं।
- संघर्ष के बीच कई कर्मचारियों की जान जा चुकी है, लेकिन शेष कर्मचारी अपनी सेवाएं जारी रखे हुए हैं।
- इन टीमों की रिपोर्ट के आधार पर मदद की प्राथमिकता तय की जाती है।
प्रमुख बातें
- गाजा में 14,000 बच्चे भूख से मरने के सीधे खतरे में हैं।
- इजरायल की नाकेबंदी में थोड़ा छूट मिली है, लेकिन मदद बेहद कम मात्रा में पहुंच रही है।
- ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने कड़ी निंदा करते हुए संयुक्त कार्रवाई की धमकी दी है।
- यूएन निरंतर अपने प्रयास जारी रखे हुए है ताकि अधिक से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सके।
निष्कर्ष
गाजा का यह मानवीय संकट इस बात का दर्दनाक प्रमाण है कि लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष का सबसे बड़ा नुकसान मासूम बच्चे और कमजोर वर्ग उठाते हैं। संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय की तत्काल मदद और सहयोग ही हजारों जीवन बचा सकता है। हमें इस मुद्दे की गंभीरता को समझना और जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने के प्रयासों में सहयोग देना चाहिए।





