नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने श्री अमरनाथ की वार्षिक यात्रा के लिए देशभर के श्रद्धालुओं से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की है। पहलगाम से उन्होंने कहा,
“भोलेनाथ आपका इंतजार कर रहे हैं,” और लोगों को इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।
साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों को पर्यटन पर पूरी तरह निर्भर रहने के बजाय टिकाऊ व्यवसायों को बढ़ावा देने की सलाह दी, ताकि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहे।
फारूक अब्दुल्ला का तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए संदेश
अमरनाथ यात्रा के लिए आमंत्रण
डॉ. अब्दुल्ला ने श्रद्धालुओं को इस पवित्र यात्रा में शामिल होकर कश्मीर की अनोखी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता का अनुभव करने का निमंत्रण दिया।
“पूरे देश के लोगों से कहना चाहता हूं कि वापस आइए, हम आपका इंतजार कर रहे हैं, और भोलेनाथ भी आपका इंतजार कर रहे हैं।”
पर्यटन पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को केवल पर्यटन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
- पर्यटन में उतार-चढ़ाव की वजह से स्थानीय लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं।
- टिकाऊ और स्थायी व्यवसाय ही क्षेत्र की दीर्घकालीन समृद्धि का आधार होंगे।
उन्होंने लोगों को ऐसे व्यवसायों को विकसित करने का आग्रह किया, जो आर्थिक सुरक्षा प्रदान करें।
आतंकवाद ने पर्यटन को पहुंचाया कितना नुकसान?
बैसरन घाटी हमले की कड़ी निंदा
डॉ. अब्दुल्ला ने हाल ही में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तानी गोलाबारी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरा नुकसान पहुंचाता है।
आतंकवाद कश्मीरियत और इंसानियत का सबसे बड़ा दुश्मन
उन्होंने आतंकवादियों को कश्मीरियत और मानवता का दुश्मन बताते हुए कहा कि ये हमले मासूम लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं, जो वादियों की सुंदरता से अपनी आजीविका कमाते हैं।
“इन नफरत के दौरिंदों के लिए इंसानियत और कश्मीर की खूबसूरती कोई मायने नहीं रखती।”
केंद्र सरकार से शांति की अपील
डॉ. अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भेजे गए प्रतिनिधिमंडलों की सराहना की और आशा जताई कि ये शांति का पैगाम लेकर जाएं।
उन्होंने आग्रह किया:
- बेगुनाहों की हत्या बंद हो।
- युद्ध नहीं, शांति का मार्ग अपनाया जाए।
2025 में अमरनाथ यात्रा क्यों करें?
- आध्यात्मिक महत्व: भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र तीर्थयात्रा।
- प्राकृतिक सौंदर्य: पहलगाम और हिमालय की अद्भुत वादियाँ।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था का समर्थन: आपकी यात्रा से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
- सुरक्षित माहौल: सुरक्षा व्यवस्था बेहतर की गई है ताकि तीर्थयात्रा सुरक्षित रहे।
निष्कर्ष: आशा और श्रद्धा के साथ एक आमंत्रण
आतंकवाद और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, डॉ. फारूक अब्दुल्ला की यह अपील एकता, शांति और आध्यात्मिकता की ओर बुलावा है। वे सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर लौटें और इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनें।
अमरनाथ यात्रा में शामिल होकर आप न केवल आध्यात्मिक अनुभव पाएंगे, बल्कि स्थानीय लोगों का हौसला भी बढ़ाएंगे।
जम्मू-कश्मीर से संबंधित ताजा अपडेट
- गर्मी से राहत: जम्मू-कश्मीर में बारिश से मौसम सुहाना होगा।
- सुरक्षा अलर्ट: पर्यटकों के लिए मौसम और सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी।
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