स्लग: धर्मान्तरित महिला के अंतिम संस्कार का विरोध, ग्रामीणों में आक्रोश
भानुप्रतापपुर थाना क्षेत्र के ग्राम कुडाल में एक धर्मांतरण कर चुकी आदिवासी महिला के ईसाई रीति से किए गए अंतिम संस्कार को लेकर विवाद गहरा गया है। ग्रामीणों ने इसे आदिवासी परंपरा के विरुद्ध बताया और अंतिम संस्कार पर विरोध जताते हुए भानुप्रतापपुर SDM व थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा।
गुपचुप तरीके से किया गया था दफन, ग्रामीणों को नहीं दी गई जानकारी
जानकारी के अनुसार, मृत महिला सुखबती ने कुछ समय पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। निधन के बाद परिजनों ने ईसाई परंपरा के अनुसार गुपचुप तरीके से शव को दफना दिया, जिसकी सूचना गांव के लोगों को नहीं दी गई।
इस बात से नाराज़ होकर बड़ी संख्या में ग्रामीण SDM कार्यालय पहुंचे और शव को बाहर निकालने की मांग की।
आदिवासी परंपराओं की अनदेखी पर नाराज़गी
जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र टेकाम ने कहा:
“इस क्षेत्र में आदिवासी परंपराओं के अनुसार ही सामाजिक कार्यक्रम होते हैं। धर्मांतरण कर चुकी महिला का गुपचुप अंतिम संस्कार करना गलत है। इससे समाज में आक्रोश है।”
उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे मामलों पर स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए जाएं ताकि भविष्य में समाज में तनाव की स्थिति न बने।
ग्रामीणों के दबाव में परिजनों ने शव निकाला, दूसरी जगह किया दफन
गांव में बढ़ते तनाव और ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए मृतका के परिजनों ने रात में ही शव को क़ब्र से निकाल कर दूसरी जगह दफना दिया।
हालांकि, परिजनों की मानसिक स्थिति को देखते हुए और सुरक्षा कारणों से स्वदेश न्यूज़ स्थान का खुलासा नहीं कर रहा है।
बस्तर संभाग में बढ़ रहे हैं धर्मांतरण से जुड़े विवाद
बता दें कि बस्तर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों में धर्मांतरण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे आदिवासी समाज और धर्मांतरण करने वालों के बीच टकराव की स्थिति बन रही है।
इस तरह के प्रकरण सामाजिक समरसता और परंपराओं को प्रभावित कर रहे हैं।