मुंबई पुलिस के बहुचर्चित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक आज रिटायर हो रहे हैं। अंडरवर्ल्ड के खिलाफ उनकी जंग ने उन्हें महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे देश में एक दंतकथा बना दिया। खास बात यह है कि रिटायरमेंट से महज दो दिन पहले ही उन्हें एसीपी के पद पर प्रमोट किया गया।
दया नायक का रिटायर होना एक ऐसे युग का अंत माना जा रहा है, जिसने मुंबई के खूंखार अंडरवर्ल्ड को झकझोर कर रख दिया था।
कौन हैं दया नायक?
- सेवा में प्रवेश: दया नायक ने 1995 में मुंबई पुलिस जॉइन की थी।
- विशेष योगदान: अंडरवर्ल्ड का खात्मा करने में अहम भूमिका निभाई।
- ATS में कार्यकाल: कई साल तक आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) में भी रहे।
- मशहूर केस: 2021 में मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मामले और ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन हत्या केस की जांच करने वाली टीम का हिस्सा रहे।
- वर्तमान पदस्थापन: अपराध शाखा की बांद्रा यूनिट में तैनात थे।
80 से ज्यादा एनकाउंटर का रिकॉर्ड
1990 के दशक में दया नायक उन चुनिंदा पुलिस अधिकारियों में रहे, जिन्होंने अपराधियों के खौफ को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई।
- करीब 80 एनकाउंटर को अंजाम दिया।
- दाउद इब्राहिम और छोटा राजन की गैंग से जुड़े कई कुख्यात अपराधियों का सफाया किया।
- उनकी बहादुरी ने उन्हें जनता और मीडिया में ‘रियल लाइफ सिंघम’ की पहचान दिलाई।
विवादों से भी रहा सामना
सफल करियर के साथ-साथ दया नायक विवादों में भी घिरे रहे।
- 2006: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया।
- सस्पेंशन: इस मामले में लगभग साढ़े छह साल तक निलंबित रहे।
- बाद में आरोपों से मुक्त होने पर दोबारा पुलिस बल में बहाल कर दिए गए।
उनका जन्म कर्नाटक के उडुपी जिले में एक कोंकणी भाषी परिवार में हुआ था।
फिल्मों में अमर हुई कहानी
दया नायक की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी जिंदगी पर कई फिल्में बनीं।
- अब तक छप्पन (2004): नाना पाटेकर ने मुख्य भूमिका निभाई।
- अन्य फिल्में: गोलीमार (तेलुगु), रिस्क, एनकाउंटर दयानायक, आन: मेन एट वर्क, डिपार्टमेंट।
रिटायरमेंट पर दया नायक का बयान
प्रमोशन और रिटायरमेंट पर दया नायक ने सोशल मीडिया पर भावुक संदेश साझा किए।
उन्होंने कहा:
“कृतज्ञता और गर्व के साथ बताना चाहता हूं कि मुझे एसीपी पद पर प्रमोट किया गया है। भले ही समय कम मिला, लेकिन मैंने पूरी निष्ठा से राज्य और देश की सेवा की। यह उपलब्धि मेरे लिए सम्मान और संतोष का प्रतीक है। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।”
दया नायक का करियर सिर्फ पुलिस सेवा नहीं बल्कि साहस, अनुशासन और समर्पण की मिसाल है। उनके रिटायरमेंट के साथ मुंबई पुलिस के उस दौर का अंत हो रहा है, जिसने अपराध की दुनिया को हिला कर रख दिया था।