6 जून 2025 को एक ऐतिहासिक पल आने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर में चिनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे—जो न सिर्फ इंजीनियरिंग का चमत्कार है, बल्कि अब दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज भी बन चुका है।
22 साल की मेहनत का नतीजा
- इस प्रोजेक्ट की नींव 2003 में रखी गई थी, जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इसे मंजूरी दी थी।
- निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ, लेकिन कठिन मौसम और जटिल स्थलाकृति ने इसे बार-बार चुनौती दी।
- 2009 में तेज हवाओं के चलते निर्माण कुछ समय के लिए रुक गया।
- 2017 में ब्रिज का आधार तैयार हुआ और 2021 में मेन आर्च पर काम शुरू किया गया।
- आखिरकार अगस्त 2022 में इसका मुख्य आर्च तैयार हो गया।
आज, करीब 22 साल बाद, यह ब्रिज पूरी तरह बनकर तैयार है—एक ऐसी संरचना जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगी।
क्या है खास इस ब्रिज में?

- ऊंचाई: चिनाब नदी के तल से 1178 फीट ऊंचा—यह एफिल टावर से 35 मीटर ज्यादा है!
- लंबाई: कुल लंबाई 4300 फीट से ज्यादा।
- आर्च स्पैन: 1590 फीट का विशाल आर्च।
- मजबूती: भूकंप और तेज हवाओं के लिए स्पेशल डिज़ाइन, ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा में मजबूती से खड़ा रहे।
- सुरक्षा: यह एक ब्लास्ट-प्रूफ ब्रिज है, जिसमें स्पेशल स्टील और रस्ट-प्रूफ पेंट का इस्तेमाल किया गया है।
कितना हुआ खर्च?
- करीब 15,000 करोड़ रुपये की लागत आई है इस पुल को बनाने में।
- लगभग 30,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ।
- उम्मीद की जा रही है कि यह ब्रिज अगले 120 सालों तक मजबूती से टिकेगा।
वंदे भारत ट्रेन: अब कश्मीर से जुड़ना हुआ आसान

उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी एक और बड़ी शुरुआत करेंगे—वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन श्रीनगर से कटरा (श्री माता वैष्णो देवी) तक चलेगी और चिनाब ब्रिज व अंजी खड्ड पुल से होकर गुजरेगी।
- अंजी खड्ड पुल: भारत का पहला केबल-आधारित रेलवे पुल।
- अभी तक सड़क मार्ग से कटरा से श्रीनगर पहुंचने में 6-7 घंटे लगते थे।
- अब वंदे भारत से यह सफर महज 3 घंटे में पूरा होगा।
कश्मीर के लिए क्या होगा असर?
इस नई रेल लाइन और वंदे भारत ट्रेन से कश्मीर को मिलेगा एक नया जीवन:
- व्यापार में तेजी आएगी क्योंकि माल ढुलाई आसान होगी।
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- शांति और विकास की नई शुरुआत होगी।
सरकार का कहना है कि इस परियोजना से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बल मिलेगा और कश्मीर को बाकी भारत से पहले से कहीं बेहतर ढंग से जोड़ा जा सकेगा।
सिर्फ एक ब्रिज नहीं, भविष्य का रास्ता
चिनाब ब्रिज महज एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं है, यह एक आशा, एकता और उन्नति का प्रतीक बन चुका है। यह दिखाता है कि भारत किस तरह तकनीक और संकल्प के दम पर दुनिया को हैरान कर सकता है।
अब जब यह पुल तैयार है और वंदे भारत ट्रेन दौड़ने को तैयार है—तो कह सकते हैं कि कश्मीर अब और भी करीब है, दिल से भी और रास्ते से भी।