भोपाल एसयूवी दुर्घटनाएं अब शहर के लिए एक गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं। तेज गति से वाहन चलाने की प्रवृत्ति, खासकर युवाओं में, शहर की सड़कों को असुरक्षित बना रही है। जनवरी से जून 2025 के बीच, रात के समय होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिससे प्रशासन और पुलिस दोनों की चिंता बढ़ी है।
🚗 एसयूवी दुर्घटनाओं में युवाओं की लापरवाही बनी मुख्य वजह
ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, भोपाल एसयूवी दुर्घटनाएं अब आम हो गई हैं, खासकर रात के समय। कोलार क्षेत्र में हाल ही में एक तेज रफ्तार एसयूवी ने पहले एक अन्य SUV और फिर एक बाइक को टक्कर मार दी। इस घटना में एक महिला की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए। ऐसी घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि शहर में रात में तेज रफ्तार गाड़ी चलाना आम होता जा रहा है।
📊 3% बढ़ीं सड़क दुर्घटनाओं में मौतें: आंकड़े चौंकाने वाले
- जनवरी से जून 2025 के बीच सड़क हादसों में 3% की वृद्धि दर्ज की गई है।
- कुल 1464 दुर्घटनाओं में 131 लोगों की मौत हुई और 1137 लोग घायल हुए।
- प्रशासन का मानना है कि तेज रफ्तार और पुराने निगरानी कैमरों की विफलता भी इन दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।
🛑 प्रशासन ने तेज रफ्तार और अधूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को बताया दोषी
ट्रैफिक विभाग के अनुसार, शहर की सड़कें तेज रफ्तार लग्जरी गाड़ियों के लिए सक्षम नहीं हैं। साथ ही, अधिकतर निगरानी कैमरे पुराने हो चुके हैं, जो दुर्घटनाओं का स्पष्ट वीडियो फुटेज देने में अक्षम हैं। इससे ट्रैफिक उल्लंघनकर्ताओं पर कार्रवाई करना कठिन हो गया है।
🌃 रात का समय बन रहा दुर्घटनाओं का कारण
- पुलिस अधिकारियों का कहना है कि युवा और नाबालिग ड्राइवर अक्सर शहर के बाहरी हिस्सों और ट्रैफिक से भरे क्षेत्रों में तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं।
- दिन और शाम के समय पुलिस द्वारा चेकिंग होती है, लेकिन रात में निगरानी कमजोर होती है, जिसका लाभ लेकर युवा मनमानी करते हैं।
- शराब पीकर वाहन चलाना भी एक बड़ा कारण है जिसे पुलिस ने चिन्हित किया है।
🚨 क्या करें प्रशासन और माता-पिता?
प्रशासन के लिए सुझाव:
- आधुनिक निगरानी कैमरों की स्थापना करें।
- रात के समय अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की तैनाती हो।
- हाई-रिस्क ज़ोन को चिन्हित कर विशेष निगरानी की जाए।
माता-पिता और समाज के लिए सुझाव:
- युवाओं को सड़क सुरक्षा की शिक्षा दें।
- नाबालिगों को वाहन न चलाने दें।
- परिवार स्तर पर जवाबदेही तय करें।
निष्कर्ष: समय रहते कदम उठाने होंगे
भोपाल एसयूवी दुर्घटनाएं केवल आंकड़े नहीं, बल्कि कई परिवारों के दर्द की कहानी हैं। यदि प्रशासन, पुलिस और नागरिक समय रहते सतर्क नहीं हुए, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। युवाओं को जागरूक करना और प्रशासन को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना ही इसका स्थायी समाधान हो सकता है।
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