भोपाल और इंदौर में अब दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल और सीएनजी तभी मिलेगी जब वे हेलमेट पहनेंगे। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह (भोपाल) और आशीष सिंह (इंदौर) ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए बताया कि यह नियम 1 अगस्त 2025 से लागू होगा।
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यह फैसला सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए लिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
- मप्र मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा-129 के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
- सड़क हादसों में ज्यादातर जानें हेलमेट न पहनने की वजह से जाती हैं।
- सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति ने हाल ही में बैठक में हेलमेट और सीट बेल्ट के उपयोग पर सख्ती की सिफारिश की थी।
नियम की प्रमुख बातें
- 1 अगस्त से लागू और 29 सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा।
- बिना हेलमेट पेट्रोल और सीएनजी नहीं दी जाएगी।
- मेडिकल इमरजेंसी और आकस्मिक परिस्थितियों में मिलेगी छूट।
- उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता-23 की धारा 223 के तहत कार्रवाई संभव।
पेट्रोल पंप और खपत का आंकड़ा
- भोपाल में कुल 192 पेट्रोल पंप हैं।
- रोजाना करीब 21 लाख लीटर पेट्रोल-डीजल की खपत होती है।
- इसमें से आधे से ज्यादा पेट्रोल की खपत होती है।
अब से पंप संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे हेलमेट न पहनने वाले ग्राहकों को ईंधन न दें।
विवाद: पंप संचालकों और चालकों पर कार्रवाई
पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा:
- जिला प्रशासन पंप संचालक पर तो कार्रवाई करेगा, लेकिन बिना हेलमेट पेट्रोल लेने वालों पर क्या कार्रवाई होगी?
- सड़क पर पुलिस अक्सर बिना हेलमेट वालों को पकड़ने में नाकाम रहती है।
- प्रशासन को इस पर भी कड़ाई करनी चाहिए।
भोपाल और इंदौर में अब हेलमेट पहनना सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि पेट्रोल पाने की शर्त भी बन गया है। प्रशासन का मानना है कि इससे सड़क हादसों में कमी आएगी और लोगों में यातायात नियमों का पालन करने की आदत विकसित होगी।