भोपाल में नशे का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने ऐसे ड्रग्स गिरोह का पर्दाफाश किया है जो कॉलेज की छात्राओं को पतला होने की दवा के नाम पर एमडी ड्रग्स की लत लगा रहा था। पहले युवतियों को मुफ्त में नशा कराया जाता था और फिर उन्हें ही ड्रग्स बेचने और दूसरों को फंसाने में इस्तेमाल किया जाता था।
गिरोह का खुलासा: भोपाल क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई
भोपाल क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह से जुड़े दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से लगभग 3 लाख रुपये कीमत की 15.14 ग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की गई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:
- सैफुद्दीन (28 वर्ष) – भोईपुरा, बुधवारा निवासी
- आशु उर्फ शाहरुख खान (28 वर्ष) – बाग फरहत अफजा निवासी
दोनों पर पहले से ही थे आपराधिक मामले:
- शाहरुख पर मारपीट, जुआ और आबकारी एक्ट के तहत कई केस दर्ज हैं।
- सैफुद्दीन पर 5000 रुपये का इनाम घोषित था।
ड्रग्स के लिए रैकेट में शामिल कर रहे थे छात्राएं
क्राइम ब्रांच की जांच में यह खुलासा हुआ है कि आरोपी कॉलेजों के बाहर, क्लब पार्टियों और सार्वजनिक स्थानों पर युवतियों से दोस्ती करते थे। फिर “वेट लॉस”, “स्किन ग्लो” और “स्लिम बॉडी” जैसे बहानों से उन्हें एमडी ड्रग्स देना शुरू करते थे।
इस प्रक्रिया में गिरोह की रणनीति थी:
- शुरुआत में मुफ्त में ड्रग्स देना
- आदत लगने पर महंगे दामों में बेचना
- नए ग्राहक लाने पर ड्रग्स फ्री में देना
- धीरे-धीरे लड़कियों को अपने नेटवर्क का हिस्सा बनाना
इस तरह ये गिरोह कॉलेज छात्राओं के माध्यम से युवा पीढ़ी में नशे की चेन फैला रहा था।
आधा दर्जन युवाओं को भेजा गया रिहैब सेंटर
पुलिस ने नशा करते हुए पकड़े गए करीब छह युवाओं को रिहैब सेंटर (नशा मुक्ति केंद्र) भेजा है, जहां उनका इलाज जारी है। पुलिस अब यह भी जांच रही है कि अब तक कितने युवाओं को इस गिरोह ने अपने जाल में फंसाया।
राजनेता से संबंध? वायरल फोटो से मचा राजनीतिक बवाल
गिरफ्तार आरोपी शाहरुख खान की एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें वह एक प्रमुख राजनीतिक दल के नेता के साथ नजर आ रहा है और गमछा भी उसी दल का है।
इस फोटो के वायरल होते ही:
- विपक्ष ने सत्ताधारी पार्टी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- पुलिस ने अभी तक इस बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है कि शाहरुख के किसी नेता से सीधे संबंध हैं या नहीं।
पुलिस की जांच:
- आरोपियों के मोबाइल फोन और चैट हिस्ट्री की जांच
- ड्रग्स चेन में शामिल अन्य युवाओं की पहचान
- राजनीतिक संपर्कों की पुष्टि
ऐसे गिरोह से कैसे बचें?
यह मामला युवाओं को जागरूक करने के लिए एक गंभीर संकेत है। नशे की चपेट में आना आसान होता है लेकिन बाहर निकलना बेहद मुश्किल। यदि आप या आपके आसपास कोई भी:
- वेट लॉस की दवा के नाम पर अज्ञात दवाएं ले रहा हो
- किसी पार्टी में संदिग्ध पाउडर या दवाएं दी जा रही हों
- मानसिक या शारीरिक बदलाव महसूस हो रहे हों
तो तुरंत विश्वसनीय व्यक्ति या पुलिस से संपर्क करें।
Also Read: शतरंज का इतिहास: भारत की देन से लेकर ग्लोबल महाशक्ति तक
निष्कर्ष: भोपाल में नशे का नेटवर्क गंभीर खतरा
भोपाल जैसे शांत शहर में युवाओं को इस तरह से नशे के जाल में फंसाया जाना चिंता का विषय है। कॉलेज छात्राओं को टारगेट करके उन्हें ही तस्कर बना देना न सिर्फ एक सामाजिक अपराध है, बल्कि भविष्य की पीढ़ी को तबाह करने की साजिश है।
भोपाल पुलिस की तत्परता से यह बड़ा गिरोह पकड़ा गया है, लेकिन यह सिर्फ एक शुरुआत है। अब जरूरी है कि हम सभी सजग रहें और अपने समाज को नशा मुक्त बनाने में सहयोग करें।





