अवध विश्वविद्यालय में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जहाँ तीन शिक्षकों को कैंपस के भीतर शराब पीते हुए पकड़ा गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) डॉ. पंकज एल. जानी ने निरीक्षण के दौरान इन्हें रंगेहाथ पकड़ा और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
घटना की पूरी जानकारी
- कब हुई घटना? – शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 को दोपहर के समय।
- कहाँ हुई घटना? – डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रचेता भवन में।
- कौन शामिल थे? – लाइब्रेरी साइंस विभाग के तीन अतिथि प्रवक्ता: शिव कुमार, देवेश कुमार और सुधीर सिंह।
- कैसे पकड़े गए? – ओएसडी डॉ. जानी निरीक्षण कर रहे थे, तभी एक बंद कमरे से शराब की गंध आई। कमरा खोला गया तो तीनों शिक्षक शराब पीते हुए मिले।
तुरंत की गई कार्रवाई
- पुलिस को बुलाकर तीनों को हिरासत में लिया गया।
- मेडिकल जाँच के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
- विश्वविद्यालय प्रशासन ने बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
- कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने कहा – “यह गंभीर अनुशासनहीनता है, कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
- पुलिस अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया – “मामला दर्ज कर आगे की जाँच की जा रही है।”
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या ये शिक्षक स्थायी थे या अतिथि?
➜ ये तीनों अतिथि प्रवक्ता थे, जो अस्थायी तौर पर नियुक्त किए गए थे।
2. क्या विश्वविद्यालय में शराब पीना प्रतिबंधित है?
➜ हाँ, कैंपस के अंदर शराब पीना सख्त मना है। यह नियम विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों पर लागू होता है।
3. अब आगे क्या होगा?
➜ मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद:
- विश्वविद्यालय प्रशासन इन्हें निलंबित/बर्खास्त कर सकता है।
- पुलिस द्वारा धारा 290 (सार्वजनिक शांति भंग) के तहत केस दर्ज हो सकता है।
4. क्या इससे विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान होगा?
➜ यह घटना संस्थान की प्रतिष्ठा के लिए चुनौती है, लेकिन प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करके संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निष्कर्ष
यह घटना शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन की गिरती हुई संस्कृति को उजागर करती है। विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि ऐसे मामलों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।