मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच जारी सैन्य टकराव ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है, बल्कि हवाई यातायात को भी भारी रूप से प्रभावित किया है। इजरायली हमलों के बीच ईरानी हवाई क्षेत्र में सिविल फ्लाइट्स की अचानक गतिविधि में बदलाव देखा गया, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा।
इजरायल के हमलों से थर्राया ईरान
शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के खिलाफ बड़ा हवाई हमला शुरू किया। इस ऑपरेशन में इजरायली वायुसेना ने ईरान की परमाणु साइट्स, मिसाइल इंफ्रास्ट्रक्चर और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इस अभियान को “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया।
- तेहरान में लगातार धमाकों की आवाजें सुनाई दीं।
- हमलों की पुष्टि इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने की।
- इस कार्रवाई के कुछ ही समय बाद ईरानी हवाई क्षेत्र में भारी हलचल देखी गई।
इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर असर
इस अचानक बदलाव का असर सिर्फ ईरान तक सीमित नहीं रहा। इसके कारण:
- उड़ानों की अवधि बढ़ सकती है।
- ईंधन लागत में वृद्धि संभावित है।
- मध्य पूर्व और एशिया की कई एयरलाइनों की टाइमिंग में देरी हो सकती है।
नेतन्याहू का बयान: “ईरान हमारे अस्तित्व के लिए खतरा”
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन को “आवश्यक कदम” बताया। उन्होंने दावा किया कि:
“हमने उन वैज्ञानिकों को निशाना बनाया जो ईरानी बम पर काम कर रहे हैं। साथ ही ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया गया है।”
इजरायली सेना के प्रवक्ता ने भी बताया कि यह हमला “उच्च गुणवत्ता वाली खुफिया जानकारी” के आधार पर किया गया, जो दर्शाती है कि ईरान अब परमाणु हथियार के बेहद करीब है।
संभावित जवाबी हमला और अमेरिका पर आरोप
- इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने आपातकाल की घोषणा करते हुए कहा कि ईरान की ओर से ड्रोन या मिसाइल हमले की आशंका है।
- ईरान ने अमेरिका पर इजरायल की कार्रवाई का समर्थन करने का आरोप लगाया।
- हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किसी भी प्रत्यक्ष भागीदारी से इनकार किया है, लेकिन माना कि उन्हें हमले की जानकारी पहले दी गई थी।
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ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव वैश्विक स्तर पर असर डाल रहा है, खासकर एयर ट्रैफिक और विमानन सुरक्षा पर। Flightradar24 का वीडियो इस बात का प्रमाण है कि युद्ध केवल जमीनी सीमा तक सीमित नहीं रहता, इसका असर आसमान तक पहुंचता है। आने वाले दिनों में यदि टकराव और बढ़ा, तो इसका असर एयरलाइंस, यात्रियों और क्षेत्रीय स्थिरता पर और भी गहरा हो सकता है।