BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल: मछली परिवार से जुड़े विवादित मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी। सुनवाई से पहले जिला प्रशासन हाईकोर्ट में जरूरी दस्तावेज पेश करेगा। ये दस्तावेज मुख्य रूप से नियम-कायदों और कार्रवाई की वैधता से जुड़े हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, भोपाल कलेक्टर, डीसीपी क्राइम और संबंधित बैंकों को निर्देश दिया था कि वे रिकॉर्ड और कार्रवाई की वैधता स्पष्ट करते हुए कोर्ट में उपस्थित हों। पिछले सप्ताह सुनवाई में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि कार्रवाई पूरी तरह कानून के दायरे में की गई थी। जस्टिस विशाल मिश्रा की अदालत ने विस्तृत जबाव मांगते हुए फैसला सुरक्षित रखा है।
मछली परिवार की साजिदा बी और अन्य सदस्य हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि प्रशासन ने कार्रवाई के दौरान उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। अगस्त में प्रशासन ने परिवार की कोठी को ध्वस्त किया था।स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई पूरी तरह नियमों के अनुसार की गई थी और सभी दस्तावेज तैयार हैं, जिन्हें शीघ्र ही हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा।
मामला
भोपाल के आनंदपुरा इलाके में रहने वाली साजिदा बी और अन्य 7 लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि उनके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं है, फिर भी प्रशासन ने यासीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज होते ही उनकी संपत्ति तोड़ दी, बैंक खाते फ्रीज किए और ईमेल ब्लॉक कर दिए। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वे किसी आपराधिक मामले में आरोपी नहीं हैं, फिर भी उनके मकान तोड़े गए। कोर्ट ने कहा कि बिना अभियोग के संपत्ति को तोड़ना और बैंक खाते फ्रीज करना संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
सरकारी जमीन पर राहत
अनंतपुरा कोकता स्थित पशुपालन विभाग की 6 एकड़ से अधिक जमीन पर कब्जा रखने वाले लोगों को जिला प्रशासन धारणाधिकार योजना के तहत राहत दे सकता है। सीमांकन के बाद गोविंदपुरा तहसीलदार की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, जिसमें कब्जेदारों ने मालिकाना हक के दस्तावेज पेश किए। सुनवाई पूरी होने के बाद सरकारी जमीन पर कब्जेदारों को नियमित किया जा सकता है। राजस्व विभाग के अनुसार, धारणाधिकार योजना के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले सरकारी जमीन पर कब्जा रखने वाले लोग इस योजना का लाभ ले सकते हैं। हाल ही में इस योजना में बदलाव कर कट-ऑफ डेट 31 दिसंबर 2020 कर दी गई है। यदि योजना लागू होती है तो मछली परिवार समेत करीब 40 अतिक्रमणकारियों को इसका फायदा मिलेगा।
कब्जे में मिली संपत्ति
जाँच में नगर निगम की 50 दुकानें, एसटीपी प्लांट, पेट्रोल पंप, कॉलोनी और पार्क, डायमंड सिटी कॉलोनी का रास्ता, द ग्रीन स्केप मेंशन, बीपीएस स्कूल, बायपास और खेती की जमीन सहित कई निजी और सार्वजनिक संपत्तियां कब्जे में मिली हैं।