REPORT- KUSHAL CHOPRA, BY- ISA AHMAD
छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। 1 करोड़ 06 लाख 30 हजार रुपये के इनामी 49 माओवादियों सहित कुल 103 माओवादियों ने 2 अक्टूबर 2025 को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। यह कदम राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई का नतीजा माना जा रहा है।
आत्मसमर्पण में शामिल बड़े पदाधिकारी
आत्मसमर्पण करने वालों में कई उच्चस्तरीय नक्सली पदाधिकारी शामिल हैं। इनमें डीव्हीसीएम-01, पीपीसीएम-04, एसीएम-04, प्लाटून पार्टी सदस्य-01, डीएकेएमएस अध्यक्ष-03, सीएनएम अध्यक्ष-04, केएएमएस अध्यक्ष-02, एरिया कमेटी पार्टी सदस्य-05, मिलिशिया कमांडर/डिप्टी कमांडर-05, जनताना सरकार अध्यक्ष-04, पीएलजीए सदस्य-01, सीएनएम सदस्य-12, जनताना सरकार उपाध्यक्ष-04, डीएकेएमएस उपाध्यक्ष-01, जनताना सरकार सदस्य-22, मिलिशिया प्लाटून सदस्य-23, जीपीसी-02, डीएकेएमएस सदस्य-04 और भूमकाल मिलिशिया सदस्य-01 शामिल हैं।
सरकार की पुनर्वास नीति बनी प्रेरणा
छत्तीसगढ़ शासन और भारत सरकार की मंशानुरूप चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ राज्य सरकार की नवीन पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति ने माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।
- आत्मसमर्पण करने वालों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- रोजगार, शिक्षा और सामाजिक पुनर्स्थापन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है।
- आत्मसमर्पित माओवादी समाज की मुख्यधारा में सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं।
सुरक्षा बलों के प्रयास रंग ला रहे हैं
इस बड़ी सफलता के पीछे डीआरजी, जिला बल, एसटीएफ, कोबरा और केरिपु बल की संयुक्त कार्रवाई का अहम योगदान रहा। इन बलों की लगातार रणनीतिक कार्रवाई और ग्रामीणों के सहयोग से नक्सलियों का जनाधार कमजोर हो रहा है।
एसपी की अपील
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि शासन की पुनर्वास नीति माओवादियों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। उन्होंने सभी सक्रिय माओवादियों से अपील की कि वे भ्रामक विचारधाराओं को त्यागकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों।
“शासन और प्रशासन माओवादियों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अब समय है कि वे भय छोड़कर समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।”