BY: MOHIT JAIN
भारत में सोना और चांदी की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। 1 अक्टूबर 2025 को इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,237 रुपए बढ़कर ₹1,16,586 पर पहुंच गया। वहीं चांदी 1,691 रुपए महंगी होकर ₹1,44,125 रुपए प्रति किलो बिक रही है।
अलग-अलग कैरेट में सोने की कीमत

- 24 कैरेट सोना – ₹1,16,586 (प्रति 10 ग्राम)
- 22 कैरेट सोना – ₹1,06,793
- 18 कैरेट सोना – ₹87,440
- 14 कैरेट सोना – ₹68,203
(सोर्स: IBJA, 1 अक्टूबर 2025)
बड़े शहरों में सोने का भाव
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, जयपुर, भोपाल, पटना, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹1,18,600 से ₹1,18,800 के बीच है। वहीं 22 कैरेट सोना ₹1,08,750 से ₹1,08,900 प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है।
इस साल सोना ₹40 हजार और चांदी ₹58 हजार महंगी
पिछले नौ महीनों में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल देखा गया है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹76,162 था, जो अब बढ़कर ₹1,16,586 हो गया है। यानी करीब ₹40,424 का इजाफा।
इसी तरह, 31 दिसंबर 2024 को चांदी का भाव ₹86,017 प्रति किलो था। आज इसकी कीमत ₹1,44,125 हो गई है। यानी इस साल चांदी 58,108 रुपए महंगी हो चुकी है।

सोना 2026 तक ₹1.55 लाख तक जा सकता है
गोल्डमैन सैक्स की एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल तक सोना 5000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। मौजूदा रेट के हिसाब से यह भारत में लगभग ₹1,55,000 प्रति 10 ग्राम के बराबर होगा।
ब्रोकरेज फर्म पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा का मानना है कि सोना निकट भविष्य में ₹1,44,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
सोने में तेजी के 5 बड़े कारण
1. केंद्रीय बैंकों की खरीद
दुनियाभर के सेंट्रल बैंक डॉलर पर निर्भरता घटाने के लिए सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं। इससे मांग बढ़ रही है और दाम ऊपर जा रहे हैं।
2. ट्रंप फैक्टर और अमेरिकी नीति-अनिश्चितता
अमेरिका की नीतियों को लेकर असमंजस है। डॉलर और बॉन्ड मार्केट पर दबाव बढ़ रहा है, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने में पैसा लगा रहे हैं।
3. क्रिप्टो से निवेशकों का सोने की ओर रुख
क्रिप्टो मार्केट की अस्थिरता और कड़े नियमों के कारण निवेशक सोने को बेहतर विकल्प मान रहे हैं। शेयर बाजार में कम रिटर्न ने भी सोने की चमक बढ़ा दी है।
4. डीडॉलराइजेशन का बढ़ता असर
कई देश डॉलर पर निर्भरता घटाकर अपनी मुद्रा और सोने पर जोर दे रहे हैं। डॉलर कमजोर हो रहा है, जिससे सोने की कीमतों में इजाफा हो रहा है।
5. लॉन्ग-टर्म एसेट के रूप में सोना
सोना कभी पूरी तरह बेकार नहीं होता। यह सीमित मात्रा में उपलब्ध है और महंगाई के दौर में अपनी वैल्यू बनाए रखता है। यही कारण है कि लंबे समय में इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है।
भारत में सोना और चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और विशेषज्ञ मान रहे हैं कि आने वाले साल में यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती हैं। अगर आप निवेश की सोच रहे हैं तो सोना अभी भी एक भरोसेमंद और सुरक्षित विकल्प माना जा सकता है।





