BY: Yoganand Shrivastava
गुवाहाटी। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी 4जी स्टैक और एक लाख बीएसएनएल टावरों के लोकार्पण को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस पहल से देश का कोई भी कोना कनेक्टिविटी से वंचित नहीं रहेगा और हर तबके के लोग तकनीक का लाभ लेकर अपनी जिंदगी को और सरल बना सकेंगे।
सिंधिया ने स्पष्ट किया कि चाहे पूर्वोत्तर का पहला गांव हो, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से जुड़े सीमावर्ती इलाके हों, नक्सल प्रभावित क्षेत्र हों या फिर द्वीप और पहाड़ी राज्य—जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के दुर्गम गांव—सभी जगह अब हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि भारत के 6 लाख 40 हजार गांवों में मोबाइल नेटवर्क की 100% सैचुरेशन सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कनेक्टिविटी के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को गिनाते हुए कहा कि असम का युवा अब इंटरनेट के माध्यम से वैश्विक स्तर पर ज्ञान अर्जित कर सकेगा, अरुणाचल प्रदेश का बुनकर अपने हुनर को दुनिया के बाजार तक पहुंचा पाएगा, किसान सीधे मंडियों से जुड़ेंगे और मरीजों को एक क्लिक पर डॉक्टरों की सुविधा उपलब्ध होगी।
केंद्रीय मंत्री ने इस दूरसंचार क्रांति को “जीवन सेतु” करार दिया और कहा कि यह डिजिटल भारत के विजन को वास्तविकता में बदलने की दिशा में बड़ा कदम है।