BY: Yoganand Shrivastva
जोधपुर: प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को लेह पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया। जेल प्रशासन ने उन्हें हाई-सिक्योरिटी वार्ड में रखा है, जहां 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। उनकी मेडिकल जांच भी की गई है।
CCTV निगरानी और कड़ी सुरक्षा
जेल सूत्रों के अनुसार, वांगचुक की गतिविधियों पर हर पल नजर रखी जा रही है। उन्हें लगातार सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में रखा गया है। यह वही जेल है जहां विवादित धर्मगुरु आसाराम बापू भी बंद हैं, हालांकि दोनों को अलग-अलग वार्ड में रखा गया है।
लेह में इंटरनेट बंद
NSA के तहत हुई गिरफ्तारी के बाद लेह में एहतियातन इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। गौरतलब है कि लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इन झड़पों में अब तक चार लोगों की मौत और 90 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
आंदोलन और अनशन की पृष्ठभूमि
वांगचुक ने 10 सितम्बर से लेह में अनशन शुरू किया था। उनकी प्रमुख मांगें थीं—
- लद्दाख को राज्य का दर्जा मिले
- क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल किया जाए
- नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा हो
हालांकि, बढ़ती हिंसा को देखते हुए उन्होंने 24 सितम्बर को अपना अनशन समाप्त कर दिया था।
गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध
वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक स्तर पर भी विरोध तेज हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर मोमबत्ती जुलूस निकाला। इस प्रदर्शन में पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए।