मुकेश अंबानी एक बार फिर भारतीय कॉर्पोरेट जगत में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में हैं। इस बार उनका फोकस है FMCG सेक्टर पर, जहां वे अपने 15 से ज्यादा कंज्यूमर ब्रांड्स को एक ही छत के नीचे लाकर नई कंपनी “न्यू रिलायंस कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड” लॉन्च करेंगे। इस कंपनी को ₹8.5 लाख करोड़ से ज्यादा वैल्युएशन पर IPO के जरिए बाजार में लाने की योजना है।
क्या है योजना?
15 से अधिक ब्रांड्स का एकीकरण
रिलायंस रिटेल वेंचर्स के अंतर्गत आने वाले कैंपा कोला जैसे 15 से अधिक FMCG ब्रांड्स को मिलाकर एक नई इकाई बनाई जा रही है। यह इकाई सीधे रिलायंस इंडस्ट्रीज के अंतर्गत काम करेगी, जैसा जियो करती है।
उद्देश्य:
- FMCG प्रोडक्ट्स पर केंद्रित रणनीति
- FMCG-फोकस्ड निवेशकों को आकर्षित करना
- ग्रुप के विकास की नई रफ्तार तय करना
IPO की बड़ी योजना: ₹8.5 लाख करोड़ से ज्यादा की वैल्युएशन
रिलायंस रिटेल वेंचर्स की मौजूदा वैल्युएशन ₹8.5 लाख करोड़ से अधिक है। इस नई कंपनी का IPO अगर आता है, तो यह भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम (IPO) बन सकता है। निवेशकों के लिए यह एक बड़ी संभावना हो सकती है, खासकर FMCG सेक्टर में रुचि रखने वालों के लिए।
बिजनेस का आकार और रणनीति
- 2024-25 में अनुमानित बिक्री: ₹11,500 करोड़
- ग्रोथ: 3.5 गुना
- कैंपा कोला की अकेली बिक्री: ₹1,000 करोड़
- डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क: 10 लाख रिटेल स्टोर, 3,200 डिस्ट्रीब्यूटर
- कीमतों की रणनीति: 20-40% तक सस्ते प्रोडक्ट्स
रिलायंस कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स अपने ब्रांड्स को कोका-कोला, मोंडेलेज और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे दिग्गज ब्रांड्स की तुलना में काफी कम कीमत पर बेचती है। इससे कंपनी को तेजी से मार्केट कैप्चर करने में मदद मिल रही है।
डीमर्जर को मिली मंजूरी: लिस्टिंग के रास्ते खुले
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 25 जून को रिलायंस के डीमर्जर प्लान को मंजूरी दे दी। इसका मतलब है कि अब FMCG बिजनेस को अलग कंपनी के रूप में शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जा सकता है। यह कदम पूंजी जुटाने और ब्रांड वैल्यू बढ़ाने के लिए जरूरी है।
कॉर्पोरेट दुनिया में बढ़ता ट्रेंड
रिलायंस अकेली कंपनी नहीं है जो अपने बिजनेस को अलग-अलग यूनिट्स में बांटकर बाजार में लिस्ट कर रही है:
- टाटा मोटर्स: JLR यूनिट को अलग कर रही है
- रेमंड: रियल एस्टेट यूनिट ‘रेमंड रियल्टी’ की लिस्टिंग 1 जुलाई को
- आईटीसी: होटल बिजनेस को किया अलग लिस्ट
- वेदांता: तीन यूनिट्स की अलग-अलग लिस्टिंग की योजना
इस ट्रेंड का उद्देश्य है:
“बिजनेस यूनिट्स को स्वतंत्र बनाकर उनकी वैल्यू को बाजार में पूरी तरह से सामने लाना।”
एक्सपर्ट की राय: टेलीकॉम जैसा असर FMCG में भी संभव
इक्विनॉमिक्स के एमडी जी. चोक्कालिंगम के मुताबिक, रिलायंस का यह कदम FMCG सेक्टर में भी वैसा ही असर ला सकता है जैसा उसने टेलीकॉम में जियो के जरिए किया था। उनके अनुसार:
“रिलायंस एक मजबूत FMCG साम्राज्य खड़ा करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।”
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क्या है इसका बड़ा असर?
- रिलायंस अब सिर्फ तेल, टेलीकॉम या रिटेल तक सीमित नहीं रहेगा
- FMCG सेक्टर में भी बड़ी लहर लाने की तैयारी
- नए IPO से शेयर बाजार में हलचल तय
- निवेशकों को मिलेगा एक नया और आकर्षक विकल्प