गाजा में सोमवार को हुई इजरायली बमबारी और गोलीबारी ने एक बार फिर मानवता को झकझोर दिया। एक सक्रिय कैफे और भोजन के लिए जुटी आम जनता को निशाना बनाकर किए गए इन हमलों में कम से कम 74 लोग मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
वीडियो फुटेज और चश्मदीदों की रिपोर्टें इस त्रासदी की भयावहता को दर्शाती हैं—जमीन पर खून से सने शव, कंबलों में लिपटे घायल और भयभीत नागरिक।
समुद्र किनारे बना कैफे बना मौत का निशाना
- जिस कैफे पर हमला हुआ, वह गाजा शहर के समुद्र किनारे स्थित ‘अल-बाका कैफे’ था।
- यह स्थान इंटरनेट इस्तेमाल और फोन चार्ज करने के लिए लोगों की पसंदीदा जगह था।
- हमले के समय कैफे में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे मौजूद थे।
- चश्मदीद अली अबू अतीला ने बताया, “बिना किसी चेतावनी के लड़ाकू विमान ने हमला कर दिया। ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो।”
इस हमले में 30 लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए हैं।
भोजन के लिए जुटे लोगों पर भी फायरिंग
- 23 फिलिस्तीनी नागरिक, जो राहत केंद्र से खाना लेने के लिए लाइन में खड़े थे, उन्हें भी गोली मारी गई।
- खान यूनिस के नासर अस्पताल के अनुसार, यह हमला इजरायल और अमेरिका समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फंड (GHF) केंद्र से लौटते समय किया गया।
- गोलीबारी की यह घटना GHF स्थल से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर हुई।
पिछले कुछ दिनों में 500 से ज्यादा फिलिस्तीनी भोजन वितरण स्थलों के पास मारे गए हैं।
अन्य इलाकों में भी हमले
इजरायली हमले केवल एक स्थान तक सीमित नहीं रहे। पूरे गाजा में कई जगह बमबारी और गोलीबारी की गई:
- शिफा अस्पताल: गाजा शहर की सड़कों पर दो अलग-अलग हमलों में 15 मौतें।
- अल-अक्सा अस्पताल: जवाइदा शहर के पास एक इमारत पर हमले में 6 लोगों की मौत।
- स्वास्थ्य मंत्रालय: कुल मृतकों की संख्या 74 बताई गई है।
चश्मदीदों का बयान
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया:
“हम भोजन लेकर लौट रहे थे कि इजरायली सैनिकों ने हम पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी,”
— मोनजर हिशाम इस्माइल, खान यूनिस निवासी
उन्होंने बताया कि गोलीबारी के दौरान तीन बच्चों सहित 6 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनकी स्थिति अब भी अज्ञात है।
इजरायली सेना की प्रतिक्रिया
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा है कि वह हमलों की समीक्षा कर रही है।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार यह आरोप लग रहे हैं कि इजरायल जानबूझकर आम लोगों को निशाना बना रहा है।
इजरायली पक्ष का कहना है कि वे सिर्फ उन्हीं लोगों को निशाना बनाते हैं जो:
- संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हों,
- सैनिकों के पास संदिग्ध रूप से आएं,
- या सहायता वितरण के दौरान अनधिकृत रूप से घुसपैठ करें।
निष्कर्ष: क्या गाजा में शांति संभव है?
इन हमलों के बाद फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गाजा संघर्ष रोकने की मांग उठी है।
हालांकि, फिलहाल हालात बेहद तनावपूर्ण हैं और मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है।