नोएडा के सेक्टर-55 स्थित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम में बुजुर्ग महिला के हाथ बांधने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। वायरल वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में गुस्सा देखने को मिला। इस पूरे घटनाक्रम पर अब ट्रस्ट प्रबंधन ने चुप्पी तोड़ते हुए गलती स्वीकार की है और संबंधित केयरटेकर को सेवा से हटा दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार को आश्रम प्रबंधन और वृद्धजनों के परिजनों की बैठक में यह जानकारी दी गई कि महिला के हाथ बांधने की घटना गंभीर लापरवाही थी, जिसे किसी भी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता। ट्रस्ट के मुताबिक:
- आश्रम में कुल 39 वृद्धजनों की देखभाल की जाती है।
- इनके लिए 15 केयरटेकर नियुक्त हैं।
- संबंधित महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ थीं, जिसकी जानकारी उनके परिजनों ने लिखित में दी थी।
- हालांकि, आश्रम में मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को रखने का प्रावधान नहीं है।
महिला के हाथ बांधना ट्रस्ट ने माना ‘बड़ी गलती’
ट्रस्ट सचिव नीलम मिश्रा ने कहा कि महिला को केवल 3-4 दिन पहले ही आश्रम में रखा गया था। उनके व्यवहार से ही मानसिक स्थिति स्पष्ट हो गई थी। इस बीच, जब यह सामने आया कि एक केयरटेकर ने उनके हाथ बांध दिए हैं, तो उस केयरटेकर को तुरंत काम से हटा दिया गया।
लगातार बदलते रहते हैं केयरटेकर
आश्रम में केयरटेकर के तैनाती को लेकर भी सवाल उठे। आश्रम में मौजूद दो महिला केयरटेकर ने बताया कि:
- एक को आए सिर्फ दो दिन हुए हैं।
- दूसरी महिला केयरटेकर चार-पांच दिन पहले ही नियुक्त हुई हैं।
ट्रस्ट का कहना है कि जो भी व्यक्ति नौकरी की तलाश में आता है, उसे काम पर रख लिया जाता है। यही वजह है कि केयरटेकर बार-बार बदलते रहते हैं।
बिना सूचना तीन वृद्धजनों को भेजा गया सरकारी आश्रम
परिजनों ने नाराजगी जताई कि महिला आयोग के दौरे के बाद तीन वृद्धजनों को बिना सूचना उनके परिवारों से अलग कर सरकारी वृद्धाश्रम भेज दिया गया। हालांकि ट्रस्ट ने दावा किया कि:
- प्रशासन द्वारा भेजे गए तीन वृद्धजनों में से दो वापस आ गए हैं।
- एक वृद्धजन को उनके परिवार वाले अपने साथ ले गए हैं।
परिजनों ने जताया ट्रस्ट पर भरोसा
बैठक में करीब 21 परिवारों ने ट्रस्ट पर भरोसा जताते हुए लिखित में अपनी सहमति दी कि वे अपने परिजनों को दूसरी जगह नहीं भेजना चाहते। उनका कहना है कि आश्रम में भोजन, साफ-सफाई और देखभाल की उचित व्यवस्था है।
क्या कहते हैं ट्रस्ट सदस्य?
अमरवीर सिंह, ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा:
- परिजनों से सिक्योरिटी फीस ली जाती है ताकि व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
- वृद्धजनों को अच्छा खाना, साफ-सफाई और देखभाल उपलब्ध कराई जाती है।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
इस घटना ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला आयोग के दौरे की जानकारी ट्रस्ट को नहीं दी गई थी। इसके बाद अचानक तीन वृद्धजनों को सरकारी आश्रम भेज दिया गया, जिससे परिजनों में रोष है।
निष्कर्ष
नोएडा वृद्ध आश्रम में बुजुर्ग महिला के हाथ बांधने की घटना ने बुजुर्गों की देखभाल व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, ट्रस्ट ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित केयरटेकर को हटा दिया और परिजनों को आश्वासन दिया है। जरूरत है कि ऐसी संस्थाओं में पारदर्शिता और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए ताकि बुजुर्गों को सम्मान और सुरक्षा मिल सके