क्या भारत में एयरलाइंस कानून से ऊपर हैं? हादसों के बाद FIR क्यों नहीं होती?

- Advertisement -
Ad imageAd image

हर बार किसी विमान हादसे के बाद एक सवाल ज़रूर उठता है — क्या एयरलाइंस कंपनियों पर कानून का शिकंजा ढीला है? अक्सर देखा गया है कि यात्रियों की जान जाने या गंभीर चूक के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं होती। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर भारत में विमानन कंपनियों को जवाबदेह ठहराने में और FIR से क्यों बचते हैं:

1. जवाबदेही और FIR न होने पर सवाल

  • जब एयरलाइंस की लापरवाही से लोगों की जान जा सकती है, तो उन्हें बार-बार आपराधिक जवाबदेही से क्यों बचाया जाता है?
  • हर बड़े हादसे को “दुर्घटना” करार देकर प्रशासन बिना कॉरपोरेट गलतियों की गहरी जांच किए कैसे उचित ठहरा सकता है?
  • अगर “आपराधिक मंशा” के अभाव में FIR दर्ज नहीं होती, तो विमानन मामलों में गंभीर लापरवाही को दंडनीय अपराध क्यों नहीं माना जाता?
  • जांच में तकनीकी विवरणों पर ध्यान क्यों दिया जाता है, जबकि एयरलाइन प्रबंधन और अधिकारियों को सिस्टमिक खामियों के लिए जिम्मेदार ठहराने की कोई कोशिश नहीं होती?
  • जनता उस सिस्टम पर कैसे भरोसा कर सकती है, जो एयरलाइंस को बिना FIR के आसानी से बचा लेता है?
  • क्या जानबूझकर लापरवाही साबित करने का मानक इतना जटिल इसलिए रखा गया है ताकि एयरलाइंस को बचाया जा सके?

2. DGCA और AAIB की जांच प्रक्रिया पर सवाल

  • DGCA और AAIB की जांचें हमेशा तकनीकी कारणों तक क्यों सीमित रहती हैं, जबकि प्रबंधन की लापरवाही या सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की जांच नहीं होती?
  • क्या DGCA का एयरलाइंस के साथ नजदीकी रिश्ता निष्पक्ष जांच को प्रभावित करता है, और यदि हां, तो इसे कैसे सुधारा जा सकता है?
  • ब्लैक बॉक्स और अन्य सबूतों की जांच में देरी क्यों होती है, और क्या यह देरी एयरलाइंस को जवाबदेही से बचाने की साजिश है?
  • जब जांच में पायलट की गलती को दोष दिया जाता है, तो एयरलाइंस द्वारा दिए गए प्रशिक्षण और सुरक्षा प्रोटोकॉल की खामियों की जांच क्यों नहीं होती?
  • क्या DGCA की “सुरक्षा सुधार” की सिफारिशें सिर्फ दिखावा हैं, जो वास्तव में एयरलाइंस को दंड से बचाने के लिए बनाई जाती हैं?

3. मुआवजा और न्याय की कमी पर सवाल

  • मुआवजा देकर एयरलाइंस जनता को चुप कराने की कोशिश क्यों करती हैं, और प्रशासन इसे आपराधिक जवाबदेही का विकल्प क्यों मान लेता है?
  • क्या पीड़ित परिवारों को मुआवजा देना ही काफी है, या उन्हें हादसे के असल कारणों और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई का हक नहीं है?
  • अगर मुआवजा देने की प्रक्रिया अलग है, तो फिर आपराधिक लापरवाही के लिए FIR दर्ज करने में क्या बाधा है?
  • क्या मुआवजा देने की प्रक्रिया को जानबूझकर आसान बनाया गया है ताकि एयरलाइंस को कानूनी कार्रवाई से बचाया जा सके?
  • पीड़ितों के परिवारों को जांच प्रक्रिया में शामिल क्यों नहीं किया जाता, और उनकी आवाज को क्यों अनसुना कर दिया जाता है?

4. सुरक्षा और सिस्टमिक खामियों पर सवाल

  • अगर एयरलाइंस बार-बार सुरक्षा नियमों की अनदेखी करती हैं, तो उन्हें बार-बार बचाने के बजाय सख्त दंड क्यों नहीं दिया जाता?
  • पायलट प्रशिक्षण और रखरखाव में खामियों के बावजूद, क्या एयरलाइंस को सिर्फ इसलिए छूट दी जाती है क्योंकि वे आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं?
  • हाईजैकिंग जैसे मामलों में एयरलाइंस की सुरक्षा व्यवस्था की कमियों पर सवाल क्यों नहीं उठाए जाते, और केवल अपराधियों को ही निशाना क्यों बनाया जाता है?
  • क्या भारत में विमानन सुरक्षा मानकों को लागू करने में ढिलाई बरती जाती है, और यदि हां, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
  • तकनीकी खराबी को नजरअंदाज करने या ब्लैक बॉक्स के साथ छेड़छाड़ जैसे गंभीर मामलों में अब तक कोई सबूत क्यों नहीं मिला? क्या जांच प्रक्रिया में जानबूझकर कमी रखी जाती है?

5. प्रशासन और नीतिगत कमियों पर सवाल

  • स्थानीय प्रशासन विमान हादसों में आपराधिक जांच शुरू करने में इतनी हिचकिचाहट क्यों दिखाता है? क्या यह कॉरपोरेट दबाव का नतीजा है?
  • क्या भारत का विमानन कानून इतना कमजोर है कि वह एयरलाइंस को गंभीर लापरवाही के लिए दंडित नहीं कर सकता?
  • अगर कोई एयरलाइन जानबूझकर सुरक्षा नियम तोड़ती है, तो उसे दंडित करने के लिए कानूनी ढांचा क्यों नहीं बनाया गया?
  • क्या प्रशासन की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा से ज्यादा विमानन उद्योग की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना है?
  • विमान हादसों के बाद सुधार के लिए दी गई सिफारिशें लागू क्यों नहीं होतीं, और इसका जिम्मेदार कौन है?

6. जनता के विश्वास और पारदर्शिता पर सवाल

  • बार-बार एयरलाइंस को जवाबदेही से बचाने से जनता का विमानन क्षेत्र पर भरोसा टूट रहा है। क्या प्रशासन को इसकी परवाह नहीं?
  • हादसों की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाता, और क्या यह पारदर्शिता की कमी का संकेत नहीं है?
  • जनता को यह जानने का हक क्यों नहीं कि उनके प्रियजनों की मौत के लिए असल में कौन जिम्मेदार है?
  • क्या विमानन क्षेत्र में जवाबदेही की कमी से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान नहीं पहुंच रहा?
  • अगर कोई एयरलाइन बार-बार लापरवाही बरतती है, तो उसका लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया क्यों शुरू नहीं की जाती?

7. वैकल्पिक समाधान और सुधार पर सवाल

  • क्या भारत को विमान हादसों में आपराधिक जवाबदेही तय करने के लिए एक स्वतंत्र जांच एजेंसी की जरूरत नहीं है?
  • क्या सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाली एयरलाइंस पर भारी जुर्माना और आपराधिक मुकदमे शुरू करने का समय नहीं आ गया?
  • पायलट और कर्मचारियों के प्रशिक्षण में सुधार के लिए एयरलाइंस पर सख्त नियम क्यों नहीं लागू किए जाते?
  • क्या विमानन क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जांच प्रक्रिया को जनता के सामने लाइव या सार्वजनिक करना चाहिए?
  • क्या पीड़ित परिवारों को कानूनी सहायता और जांच में भागीदारी का अधिकार देना जरूरी नहीं है?

एयरलाइंस, प्रशासन और जिम्मेदार लोग FIR से क्यों बचते हैं?

  1. “दुर्घटना, अपराध नहीं” का बहाना:
    • DGCA और AAIB हादसों को तकनीकी मसला मानते हैं, जिससे आपराधिक जांच टल जाती है। इससे एयरलाइंस बच निकलती हैं, और पीड़ित परिवार जवाबों के लिए तरसते हैं।
  2. “आपराधिक मंशा” का अभाव:
    • प्रशासन को जानबूझकर साजिश का सबूत चाहिए, जो इतना मुश्किल मानक है कि गंभीर लापरवाही भी बिना सजा रह जाती है।
  3. मुआवजा बनाम जवाबदेही:
    • एयर इंडिया और अन्य एयरलाइंस मुआवजा देकर जनता को चुप कराती हैं, जबकि स्थानीय प्रशासन आपराधिक केस दर्ज करने से बचता है।
  4. उद्योग की रक्षा, न्याय नहीं:
    • DGCA का ध्यान “सुरक्षा सुधार” पर है, न कि दंड पर, जो एयरलाइंस के साथ सांठगांठ को दर्शाता है।

जनता का गुस्सा: आखिर क्यों एयरलाइंस और अधिकारियों को जवाबदेही से छूट मिलती है? क्या यात्रियों की जान से ज्यादा कॉरपोरेट मुनाफा महत्वपूर्ण है?


निष्कर्ष:

भारत में विमान हादसों के बाद एफआईआर दर्ज न होना यह दिखाता है कि एयरलाइंस और अधिकारियों को एक तरह से जवाबदेही से छूट मिल गई है। तकनीकी जांच, आपराधिक मंशा की जटिल परिभाषा, और मुआवजे की आड़ में सच्चे दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो पाती। जब तक प्रशासन पारदर्शिता, न्याय और जवाबदेही को प्राथमिकता नहीं देगा, तब तक पीड़ितों के परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा और जनता का भरोसा लगातार कमजोर होता रहेगा। अब वक्त आ गया है कि कानून में जरूरी बदलाव कर एयरलाइंस को भी आम नागरिकों की तरह कानून के दायरे में लाया जाए।

Leave a comment
- Advertisement -
Ad imageAd image

आगरा की हींग की मंडी: जब मसालों से शुरू हुआ सफर, और बन गई जूतों की पहचान

ताजमहल के लिए मशहूर आगरा सिर्फ अपनी ऐतिहासिक इमारतों से नहीं, बल्कि

आगरा की हींग की मंडी: जब मसालों से शुरू हुआ सफर, और बन गई जूतों की पहचान

ताजमहल के लिए मशहूर आगरा सिर्फ अपनी ऐतिहासिक इमारतों से नहीं, बल्कि

आज के 8 बड़े शेयर: SpiceJet, Adani Ports से Hindustan Zinc तक | 16 जून शेयर मार्केट अपडेट

📈 बाजार की शुरुआत और वैश्विक संकेत पश्चिम एशिया में तनाव रविवार

झारखंड की 25 बड़ी खबरें आज | Jharkhand News Today 16 June 2025

📍 रांची न्यूज़ अपडेट 1. रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन 19

16 जून 2025: मध्य प्रदेश की 25 बड़ी खबरें – आज की टॉप ब्रेकिंग न्यूज़

हर सुबह की शुरुआत होनी चाहिए अपने प्रदेश की प्रमुख खबरों के

आज का राशिफल 16 जून 2025: जानिए सभी 12 राशियों का दैनिक भविष्यफल

क्या आज आपके सितारे देंगे साथ या डालेंगे कोई नई चुनौती? जानिए,

NEET में मधुपुर की गोसिया परवीन ने लहराया परचम, 612 अंक और ऑल इंडिया रैंक 702

रिपोर्ट: संवाददाता विशेष कहते हैं कि अगर मेहनत और लगन सच्ची हो,

₹54.90 लाख साइबर ठगी: दुर्ग पुलिस ने लखनऊ से 4 आरोपी किए गिरफ्तार

रिपोर्टर: विष्णु गौतम दुर्ग जिले के नेवई थाना पुलिस ने एक बड़ी

11 वर्षों के ऐतिहासिक कार्यकाल ने देश को समृद्धि और खुशहाली की ओर अग्रसर किया — स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल

संवाददाता: अविनाश चंद्र देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र

पुरानी रंजिश में युवक की हत्या, बेमेतरा के लूक गांव में सनसनी

संवाददाता – संजू जैन बेमेतरा ज़िले के परपोड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम

मोदी सरकार के 11 साल पूरे, भिलाई में राजनीति गरमाई

संवाददाता – विष्णु गौतम एक ओर तारीफ, दूसरी ओर तंज प्रधानमंत्री नरेंद्र

शिक्षा व्यवस्था और खनिज माफिया पर धनेंद्र साहू का बड़ा हमला

कहा- सरकार कर रही सिर्फ कागजी दावा राज्य की शिक्षा व्यवस्था को

महाराष्ट्र: पुणे में इंद्राणी नदी पर बना पुल ढहा, 25-30 लोगों के बहने की संभावना

महाराष्ट्र में रविवार को पुणे जिले में इंद्रायणी नदी पर बना पुल

धनबाद में गांजा बेचने वाला एक व्यक्ति गिरफ्तार, दो किलो गांजा बरामद

रिपोर्ट: राजेश गोयल धनबाद में नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस को

धनबाद में नशा मुक्ति अभियान तेज़, नगर निगम से जागरूकता रथ को दिखाई गई हरी झंडी

रिपोर्ट: राजेश गोयल झारखंड में नशे के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा

भिलाई के सूर्य मॉल स्पा सेंटर में दुर्ग पुलिस की छापेमारी

एक दर्जन युवक-युवतियां हिरासत में भिलाई के स्मृति नगर थाना क्षेत्र स्थित

रायकोट से प्रतिदिन 100 टन लोहा अयस्क की चोरी, बस्तर में करोड़ों रुपए राजस्व का नुकसान

संवाददाता: मनोज जंगम बस्तर जिले के रायकोट रेक से प्रतिदिन 100 टन

बांकी मोंगरा में ग्रामीण की हत्या से फैली सनसनी, पुलिस जांच में जुटी

रिपोर्ट: उमेश डहरिया कोरबा जिले के बांकी मोंगरा थाना क्षेत्र से दिल

रायपुर पुलिस कप्तान की बड़ी बैठक शुरू, सभी ASP, DSP और TI मौजूद

राजधानी रायपुर से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है,

मानसून में भी जारी रहेगा नक्सल उन्मूलन अभियान

संवाददाता: मनोज जंगम बस्तर आईजी सुंदरराज पी. बोले - होगा नक्सलवाद का

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया: आखिरी मौके पर चूकी भारतीय महिला हॉकी टीम, प्रो लीग मैच में 2-3 से हार

भारतीय महिला हॉकी टीम ने एफआईएच प्रो लीग 2025 में ऑस्ट्रेलिया के

Marvel Fans खुश! Avengers: Doomsday में Hugh Jackman की वापसी के संकेत मिले

मार्वल यूनिवर्स में हलचल तेज़ हो गई है! Hugh Jackman की आइकॉनिक

Samsung Galaxy Z Fold 7 की पहली झलक लीक! इतना पतला फोल्डेबल कभी नहीं देखा होगा

सैमसंग के फोल्डेबल स्मार्टफोन्स की दुनिया में एक नया धमाका होने जा

प्रतापपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 11 अंतरजिला जुआड़ी गिरफ्तार

96,900 रुपये नकद, स्कॉर्पियो, कार और मोटरसाइकिल जब्त प्रतापपुर, 15 जून 2025:

ग्वालियर में युवक की MLA नंबर प्लेट पर कार्रवाई; जानिए पूरी खबर

ग्वालियर शहर में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने

केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा: रोज कितनी उड़ानें, कितनी कंपनियां, कितने हादसे? जानिए पूरा हाल

हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकलते हैं। लेकिन

MP News: कांग्रेस ने शुरू किया कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण अभियान, बीजेपी की रणनीति पर चलने की तैयारी

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की रणनीति को देखते हुए कांग्रेस

LoC पर फेंसिंग को लेकर सेना और सरकारी अफसर के बीच टकराव, कर्नल से बदसलूकी पर जवानों का पलटवार

कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्र में हो रहे LoC (लाइन ऑफ कंट्रोल) फेंसिंग