BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय से जुड़े एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय की नृशंस हत्या के बाद भारत सरकार ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने इस घटना की तीव्र आलोचना करते हुए बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
विदेश मंत्रालय का कड़ा बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बयान जारी करते हुए कहा,
“हम बांग्लादेश में हिंदू नेता श्री भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और उनकी क्रूर हत्या से बेहद दुखी हैं। यह घटना वहां हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे व्यवस्थित अत्याचार का हिस्सा प्रतीत होती है। दुर्भाग्यवश, पहले की घटनाओं के अपराधी आज भी सजा से बचते फिर रहे हैं।”
जायसवाल ने यह भी कहा कि यह जरूरी है कि बांग्लादेश सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाए।
कौन थे भाबेश चंद्र रॉय?
58 वर्षीय भाबेश चंद्र रॉय बांग्लादेश पूजा उडजापन परिषद की बिराल शाखा के उपाध्यक्ष थे और क्षेत्र में हिंदू समुदाय के एक प्रभावशाली नेता माने जाते थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार शाम लगभग 4:30 बजे उन्हें एक संदिग्ध कॉल आया, जिसके बाद कुछ लोग उनके घर पहुंचे और उन्हें जबरन अपने साथ ले गए।
करीब आधे घंटे बाद उन्हें गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उनकी पत्नी शांतना रॉय ने बताया कि कॉल करने वाले ने पहले यह सुनिश्चित किया कि रॉय घर पर ही हैं। इसके बाद दो बाइक पर सवार चार लोग उनके घर आए और रॉय को जबरन अपने साथ ले गए।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव
पिछले कुछ समय से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में खटास आई है। शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और देश में राजनीतिक अस्थिरता के बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी। लेकिन इस सरकार के दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं।
भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, बजाय इसके कि वह भारत में आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करे।
फैली चिंता और बढ़ती आलोचना
भाबेश चंद्र रॉय की हत्या के बाद हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा की है। भारत में भी इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है।
भारत सरकार ने साफ किया है कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी।
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