रिपोर्ट- अंकुर कपूर
Hariyana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत की प्राचीनतम और गौरवशाली सभ्यता की साक्षी राखीगढ़ी को देश के एक प्रतिष्ठित वैश्विक पहचान वाले स्थल के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार भी राखीगढ़ी के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को समझते हुए इसे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने के लिए निरंतर ठोस कदम उठा रही है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वीरवार को भारत की प्राचीनतम सभ्यता की धरोहर पावन भूमि राखीगढ़ी में आयोजित दूसरे राज्य स्तरीय राखीगढ़ी महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हड़प्पा ज्ञान केंद्र का भी उद्घाटन किया। महोत्सव में शिल्प मेला, विरासत दौड़, वर्कशॉप, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, ग्रामीण खेलकूद, प्रश्नोत्तरी व रंगोली तथा फोटोग्राफी प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने स्वयं भी महोत्सव में शुरू हुई अलग अलग गतिविधियों का अवलोकन किया। इस दौरान उनके साथ विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा, कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा, विधायक विनोद भ्याना भी मौजूद थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी पंचायत द्वारा प्रस्तुत की गई सभी 13 मांगों को संबंधित विभागों को भेजकर शीघ्र पूरा करवाया जाएगा। इसी प्रकार राखी शाहपुर पंचायत द्वारा रखी गई पांच मांगों को भी संबंधित विभागों को प्रेषित कर पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राखीगढ़ी एवं राखी शाहपुर गांवों को 21-21 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विशेष पहचान प्राप्त है। यह वही भूमि है, जहां हजारों वर्ष पूर्व विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक हड़प्पा सभ्यता का उत्कर्ष हुआ। यहां हुई खुदाइयों से प्राप्त अवशेष यह प्रमाणित करते हैं कि उस काल में राखीगढ़ी एक बड़ा औद्योगिक एवं व्यापारिक केंद्र था, जहां सुव्यवस्थित नगर नियोजन, स्वच्छता व्यवस्था और जल प्रबंधन की अद्भुत व्यवस्था थी। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सिंधु-सरस्वती सभ्यता का यह महान केंद्र आज पूरे विश्व को यह संदेश देता है कि भारत की जड़ें कितनी गहरी, वैज्ञानिक और समृद्ध रही हैं। विश्व की सबसे बड़ी और विकसित प्राचीन नगर सभ्यता का महत्वपूर्ण केंद्र हरियाणा में स्थित होना प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करते हुए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। काशी विश्वनाथ धाम, महाकाल लोक, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और राखीगढ़ी जैसे पुरातात्विक स्थल भारत की गौरवशाली परंपरा के प्रतीक हैं। यह नया भारत है, जो अपने अतीत से प्रेरणा लेकर उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राखीगढ़ी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन एवं शोध केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां विश्वस्तरीय पुरातत्व संग्रहालय, शोध संस्थान, पर्यटक सुविधाएं तथा आधुनिक आधारभूत ढांचे का विकास किया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत की प्राचीन सभ्यता से परिचित कराना और हरियाणा की समृद्ध संस्कृति का अनुभव कराना है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी की खुदाई से यह भी स्पष्ट होता है कि प्राचीन समाज में महिलाओं को सम्मान और समान अवसर प्राप्त थे। आज हरियाणा की बेटियां उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए खेल, शिक्षा, विज्ञान, प्रशासन और सेना में देश का नाम रोशन कर रही हैं। राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़ी अनेक योजनाएं लागू कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार हरियाणा में लगभग 100 ऐसे स्थल हैं, जो ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व रखते हैं। इनमें रोहतक का फरमाणा, भिवानी का मिताथल, कैथल का बालू और फतेहाबाद का बनावाली प्रमुख हैं। राखीगढ़ी सहित इन सभी स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए विशेष परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। राखीगढ़ी को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां 22 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक संग्रहालय का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त नूंह की पुरानी तहसील बिल्डिंग, लोहारू का किला और तावडू के मकबरा परिसर को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। पंचकूला के सेक्टर-5 में अत्याधुनिक पुरातात्विक संग्रहालय तथा अग्रोहा स्थल का भी विकास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चुनाव के दौरान जनता से किए गए 217 संकल्पों में से अब तक 54 संकल्पों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इनमें महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकल्प ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ भी शामिल है, जो प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं से लाडो लक्ष्मी योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि जो महिलाएं अभी तक इस योजना से नहीं जुड़ी हैं, वे शीघ्र अपना पंजीकरण करवाएं। उन्होंने बताया कि पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद पात्र महिलाओं को 2100 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान की जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि योजना के अंतर्गत अब तक लाभार्थियों के खातों में दो किस्तें डाली जा चुकी है और लगभग 10 लाख महिलाओं ने अपना पंजीकरण करवा लिया है।





