बिज़नेसमैन और इंवेस्टर जॉर्ज सोरोस लगातार भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय बने हुए है। भारतीय जनता पार्टी ने गांधी परिवार की आलोचना करते हुए सोरोस का नाम लिया। बता दे कि, 9 दिसंबर को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भारत को कथित तौर पर अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस जैसी अंतरराष्ट्रीय ताकतों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। जिसके बाद से लगातार कई कांग्रेस नेताओं का नाम जॉर्ज सोरोस से जोड़कर चर्चा की जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी की निंदा करते हुए उन्हें उच्च दर्जे का गद्दार तक कह दिया। भाजपा ने दावा किया कि, कांग्रेस पार्टी कथित तौर पर भारत के खिलाफ सोरोस के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। बीजेपी के ये आरोप जॉर्ज सोरोस से जुड़े विवादों की वैश्विक गाथा में सिर्फ एक उदाहरण है। अपने वित्तीय कारनामों से लेकर ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से अपने परोपकारी उपक्रमों तक, सोरोस की कई बार प्रशंसा तो कई बार निंदा की जा चुकी है।
कौन है जॉर्ज सोरोस
जॉर्ज सोरोस का पूरा नाम ज्योर्जी श्वार्ट्ज है। जिनका जन्म 12 अगस्त 1930 को बुडापेस्ट के हंगरी में हुआ था। नाज़ी शासन के दौरान जॉर्ज के परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। होलोकॉस्ट से बचने के लिए जॉर्ज ने अपनी पहचान भी छिपाई। हालातों को देखते हुए वो इंग्लैंड चले गए। जहां उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में दाखिला ले लिया और यहां दार्शनिक कार्ल पॉपर और उनके ओपन सोसाइटी के विचारों से गहराई से प्रभावित हुए।
सोरोस ने साल 1970 में सोरोस फंड मैनेजमेंट की स्थापना की जो एक हेज फंड था। जिसने उन्हें अपार संपत्ति दिलाई। उनका सबसे विवादित फाइनेंशियल मूव 1992 में आया, जब उन्होंने ब्रिटिश पाउंड के खिलाफ दांव लगाया और एक ही दिन में 1 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की। इस कदम ने उन्हें ‘द मैन हू ब्रोक द बैंक ऑफ इंग्लैंड’ का खिताब दिलवाया। जॉर्ज के इस कदम ने उन्हें पूरी दुनिया में अपनी वित्तीय समझ के लिए मशहूर कर दिया। जॉर्ज पर कई बार आरोप भी लगाए गए कि, उन्होंने अपनी समझ का गलत इस्तेमाल करते हुए अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर किया है। उनके फैसलों की अक्सर निंदा की जाती है।
भारत और जॉर्ज सोरोस
जॉर्ज सोरोस दुनिया भर में कई मूवमेंट्स को फंड देने क लिए जाने जाते है। ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से उन्होंने दुनियाभर में लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने वाली पहलों के लिए बहुत पैसा दान किया है। जॉर्ज दुनिया भर के कई मुद्दों को लेकर मुखर रहे है। साल 2020 में जॉर्ज ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम पर एक भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निंदा की थी। सोरोस ने सरकार पर अधिनायकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। सोरोस ने मोदी सरकार के 370, सीएए समेत कई फैसलों की निंदा की है। सोरोस मोदी को विश्व स्तर पर लोकतंत्र के लिए खतरा भी बता चुके है। सोरोस के बयान पर भाजप के नेताओं ने प्रतिक्रिया भी दी थी।