बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट आज यानी 6 सितंबर को कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस खास मौके पर कांग्रेस के कई कद्दावर नेता मौजूद रहे। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दोनों रेसलर्स को कांग्रेस पार्टी का पट्टा पहनाकर पार्टी में शामिल कराया। वेणुगोपाल के अलावा पवन खेड़ा, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान और हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद रहे। वहीं कांग्रेस में शामिल होने के बाद विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार हमला बोला।
कांग्रेस मुश्किल घड़ी में साथ रही- बजरंग पुनिया
कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद बजरंग पुनिया ने कहा, “… हम कांग्रेस के सभी नेताओं का धन्यवाद करेंगे, जो हमारे साथ मुश्किल घड़ी में खड़े रहें। भाजपा आईटी सेल ने कहा कि इनका मकसद राजनीति करना था, हमने तो उन्हें(भाजपा) पत्र भेजा था, भाजपा की सभी महिला सांसद के घर पर पत्र भेजा था तब भी वे महिला खिलाड़ियों के साथ खड़ी नहीं हुई। कांग्रेस बिना बताएं वहां आई और साथ दिया… जैसे हमने कुश्ती में जी तोड़ मेहनत की है ठीक वैसे ही हम पार्टी में रहकर मेहनत करेंगे और पार्टी को आगे बढ़ाएंगे… हम मजबूती से लड़ेंगे…”
विनेश ने भाजपा पर किया जोरदार हमला
बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए विनेश फोगाट ने कहा, “जो लड़ाई थी वह खत्म नहीं हुई है, कोर्ट में हमारा केस चल रहा है। वह लड़ाई भी हम जीतेंगे… खेल में जैसे हमने कभी हार नहीं मानी वैसे ही इस नए प्लेटफॉर्म (पार्टी में) पर भी हम हार नहीं मानेंगे… अपने लोगों के बीच में रहेंगे, दिल से मेहनत करेंगे… मैं कहना चाहूंगी आपकी बहन आपके साथ हमेशा खड़ी रहेगी…”
विनेश फोगाट ने आगे कहा, “मैं देशवासियों का धन्यवाद करना चाहती हूं… कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद करती हूं, वो कहते हैं ना कि बुरे वक्त में पता चलता है, जब हम रोड पर घसीटे जा रहे थे तो भाजपा को छोड़कर देश की सभी पार्टी हमारे साथ खड़ी थी। हमारे दर्द को समझ पा रही थी। मैं गर्व महसूस कर रही हूं कि मैं एक ऐसी पार्टी और विचारधारा के साथ हूं जो महिलाओं के साथ अन्याय और बुरे बर्ताव के खिलाफ खड़ी है… रेसलिंग में जिस तरीके से हमने काम किया है… भाजपा आईटी सेल ने यह साबित करने की कोशिश की थी कि हम बुझे हुए कारतूस हैं, हम खत्म हो गए हैं, उन्होंने कहा मैं नेशनल नहीं खेलना चाहती लेकिन मैंने नेशनल चैंपियनशिप खेली, मैंने ट्रायल दिया, मैं ओलम्पिक में गई, फाइनल में भी गई लेकिन परमात्मा को कुछ और मंज़ूर था… परमात्मा ने देश की सेवा करने का मौका दिया है…”