लखनऊ: वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न को साकार करते हुए ‘वंचित को वरीयता इस बजट का केंद्रीय भाव है।
● इस बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ रुपये से अधिक (8,08,736.06 करोड़ रुपये) का है। वर्ष 2024-25 के बजट के सापेक्ष इसमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
● उत्तर प्रदेश के बजट के आकार में यह बढ़ोत्तरी राज्य के सामर्थ्य के अनुरूप है। यह बजट अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
● कुल व्यय में 02 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर सम्मिलित है।
● वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जी०डी०पी० 12.89 लाख करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 27.51 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफ०आर०बी०एम० एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है।
● नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है।
● इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है।
● व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा।
● इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।
● विगत 08 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं।
● लगातार प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 08 वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।