BY: Yoganand Shrivastva
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (Defense) का नाम बदलकर “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” (Department of War) कर दिया है। ट्रंप का कहना है कि यह नाम अमेरिका की शक्ति और विजय का प्रतीक बनेगा और दुनिया को संदेश देगा कि अमेरिका एक “सख्त ताकत” है।
ट्रंप का बयान:
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “यह परिवर्तन विजय और ताकत का संदेश देगा। ‘Defense’ शब्द अब हमारी वास्तविक शक्ति को दर्शाने में सक्षम नहीं है। ‘Department of War’ अमेरिका की सामरिक शक्ति का प्रतीक होगा।”
कांग्रेस की मंजूरी जरूरी:
हालांकि इस नाम परिवर्तन को कानूनी मान्यता देने के लिए अमेरिकी कांग्रेस की सहमति आवश्यक है। इस दिशा में ट्रंप समर्थक प्रतिनिधि ग्रेग स्ट्यूब (फ्लोरिडा) और सीनेट में रिक स्कॉट (फ्लोरिडा) तथा माइक ली (युटाह) ने विधेयक पेश किया है। स्ट्यूब ने कहा कि 1789 से द्वितीय विश्व युद्ध तक अमेरिका ने इसी नाम के तहत युद्ध लड़े और इसे बहाल करना उचित होगा।
पहले से किए गए बदलाव:
ट्रंप के आदेश के बाद पेंटागन की वेबसाइट का पता “defense.gov” से बदलकर “war.gov” कर दिया गया है। नई स्टेशनरी और ऑफिस साइनबोर्ड भी अपडेट किए गए हैं। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ को अब राष्ट्रपति ट्रंप “Secretary of War” कह रहे हैं। हेगसेथ ने कहा कि अब हम केवल रक्षात्मक नहीं बल्कि आक्रामक रणनीति अपनाएंगे।
सैन्य नीति में बदलाव:
ट्रंप प्रशासन में पहले भी कई सैन्य नीतियों में बदलाव किए गए, जैसे LGBTQ+ सैनिकों पर प्रतिबंध, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के योगदान से संबंधित पोस्ट हटाना और कन्फेडरेट जनरलों के नाम वाले सैन्य अड्डों का नाम बदलना। ट्रंप का दावा है कि उनका यह “सख्त रुख” शांति बनाए रखने का माध्यम है। उन्होंने यह भी कहा कि वे रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म करना चाहते हैं और भारत-पाकिस्तान, रवांडा-कांगो तथा आर्मीनिया-अज़रबैजान विवादों में सुलह के प्रयासों का श्रेय खुद को दिया।
सांसदों की नाराज़गी:
इस कदम पर कई रिपब्लिकन सांसद नाराज हैं। नेब्रास्का के डॉन बेकन ने कहा कि यह प्रशासन कांग्रेस की आंखों में उंगली डाल रहा है। कुछ आलोचकों का कहना है कि ट्रंप इस निर्णय के जरिए अपनी सैन्य नीतियों को “असाधारण, मर्दाना और आक्रामक” दिखाना चाहते हैं।