BY: MOHIT JAIN
आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित तिरुमाला मंदिर को अब देश का पहला एआई (Artificial Intelligence) मंदिर घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने यहां एआई संचालित तीर्थयात्री एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (ICCC) का शुभारंभ किया। इस पहल का मकसद है – भीड़ प्रबंधन को आसान बनाना, सुरक्षा को और मजबूत करना और तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करना।
कैसे काम करेगा एआई सिस्टम?

तिरुमाला मंदिर में स्थापित ICCC उन्नत तकनीक से लैस है। इसमें लगे 6,000 से ज्यादा एआई कैमरे और 3D स्थितिजन्य मानचित्र हर पल निगरानी रखते हैं। यह सिस्टम न सिर्फ भीड़ का सटीक अनुमान लगाता है, बल्कि वास्तविक समय में कतारों को सुचारु बनाने की क्षमता भी रखता है।
सिस्टम हर मिनट करीब 3.6 लाख डेटा पेलोड और प्रतिदिन 51.8 करोड़ घटनाओं को प्रोसेस करता है। इसमें चेहरे की पहचान, साइबर खतरे की निगरानी और लाइव डैशबोर्ड जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।
तीर्थयात्रियों को कैसे मिलेगा लाभ?
- कतारें होंगी छोटी और पूर्वानुमानित
- हर कदम पर त्वरित सहायता और स्पष्ट जानकारी
- यात्रा अनुभव होगा ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित
मंदिर प्रशासन को क्या फायदे होंगे?
मंदिर प्रशासन को अब मिलेगा:
- एकीकृत स्थितिजन्य जागरूकता
- सुरक्षा उपकरण और एआई-आधारित इनसाइट्स
- समस्याओं के समाधान की तेज क्षमता
तकनीक और आस्था का संगम
तिरुमाला मंदिर का यह एआई एकीकृत मॉडल न सिर्फ धार्मिक स्थलों बल्कि अन्य बड़े तीर्थों और आयोजनों के लिए भी मिसाल बन सकता है। तकनीक और आस्था का यह संगम देश में भविष्य के स्मार्ट मंदिरों का रास्ता खोल रहा है।