भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्राम स्तर पर रोजगार सृजन, स्वच्छता और ग्रामों को सड़कों के माध्यम से विकास की मुख्य धारा में जोड़ने में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के अनुसार वर्ष 2047 तक विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने में इस विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा अनुवीक्षण में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी अद्यतन तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव विधानसभा स्थित समिति कक्ष में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की उपलब्धियों और प्राथमिकताओं पर बैठक को संबोधित कर रहे थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में महात्मा गांधी नरेगा, पंचायतराज, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की 2 वर्ष की उपलब्धियों और नवाचारों का प्रेजेंटेशन किया गया तथा आगामी कार्ययोजना के संबंध में निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही कृषि, सहकारिता, मत्स्य पालन तथा ग्राम विकास से संबंधित अन्य विभागों को सम्मिलित करते हुए समग्र ग्राम विकास की अवधारणा के अनुसार योजनाओं का समन्वित रूप से क्रियान्वयन किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना को गति देने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अर्ध शहरी एवं बड़ी ग्राम पंचायतों को सशक्त करते हुए उनके विकास के लिए कार्य योजना बनाई जाए तथा नगरीय निकायों के मध्य विद्यमान पंचायतें परस्पर समन्वय से सड़कें तथा अन्य आवश्यक अधोसंरचनाएं विकसित करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य शासन की दो वर्ष की उपलब्धियों के प्रेजेंटेशन में जानकारी दी गई कि :-
प्रदेश में 922 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत से 2 हजार 472 ग्राम सेवा सदन (पंचायत भवन), 557 करोड़ रूपए लागत के 106 अटल सुशासन भवन (जनपद पंचायत भवन) और 50 करोड़ रूपए लागत के 5 अटल जिला सुशासन भवन (जिला पंचायत भवन) स्वीकृत किए गए।





