BY: Yoganand Shrivastva
चंपावत, उत्तराखंड – उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में एक सरकारी कार्यालय द्वारा जारी किया गया अजीबोगरीब आदेश इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। लोहाघाट स्थित लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड कार्यालय में सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने घर से दो-दो मुट्ठी चावल लाकर देवता को अर्पित करें। इसका मकसद एक खोई हुई सरकारी दस्तावेज़ को वापस पाने की आशा से जुड़ा है।
सेवा पुस्तिका गायब, अधिकारी परेशान
यह पूरी घटना एक कर्मचारी की सेवा पुस्तिका खोने से शुरू हुई। जानकारी के अनुसार, अपर सहायक अभियंता जय प्रकाश की सर्विस बुक कार्यालय की एक अलमारी से लापता हो गई है। काफी खोजबीन के बावजूद दस्तावेज़ नहीं मिला, जिससे संबंधित कर्मचारी और कार्यालय सहायक मानसिक तनाव में आ गए हैं।
इस स्थिति से निपटने के लिए कार्यालय के अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार ने एक आध्यात्मिक समाधान निकाला — उन्होंने सभी कर्मचारियों को शनिवार को अपने-अपने घरों से दो-दो मुट्ठी चावल लाने के निर्देश दिए। इन चावलों को देवी-देवताओं को चढ़ाया जाएगा, ताकि गायब दस्तावेज़ किसी चमत्कार से वापस मिल जाए।
देवता को चढ़ावे से दस्तावेज़ मिलने की उम्मीद
जारी आदेश में कहा गया है कि मंदिर में सामूहिक रूप से चावल अर्पित किए जाएंगे। माना जा रहा है कि इससे ईश्वर की कृपा से समस्या का समाधान निकल सकता है। आदेश वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं — कुछ लोग इसे अंधविश्वास बता रहे हैं, तो कुछ इसे हल्के-फुल्के मज़ाक में ले रहे हैं।
विभाग ने मांगा जवाब, हो सकती है कार्रवाई
इस घटना के बाद लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता राजेश चंद्र ने अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार को नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उनके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी कार्यालयों में अक्सर दस्तावेज़ों के लापता होने की खबरें आती रहती हैं, लेकिन इस तरह के आध्यात्मिक या धार्मिक उपाय शायद ही कभी सामने आते हैं। यह मामला जहां एक ओर सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, वहीं यह भी दर्शाता है कि कई बार समाधान की तलाश में लोग परंपरा और आस्था का सहारा लेने लगते हैं।





