BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। इस सिलसिले में पार्टी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें अखिलेश यादव को वर्तमान में दी जा रही Z+ सुरक्षा के अतिरिक्त NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) सुरक्षा देने की मांग की गई है।
सपा ने जताई Z+ सुरक्षा पर असंतुष्टि
समाजवादी पार्टी का कहना है कि अखिलेश यादव को वर्तमान में Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है। पार्टी का दावा है कि अखिलेश यादव को कई तरह की गंभीर धमकियों का सामना करना पड़ रहा है और उनके कद व राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए उन्हें NSG कमांडो सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
क्या होती है Z+ और NSG सुरक्षा?
Z+ सुरक्षा भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सबसे ऊंची स्तर की सुरक्षा श्रेणियों में से एक है। इसमें आमतौर पर 20 से 30 सशस्त्र सुरक्षा कर्मी शामिल होते हैं, जिनमें कमांडो, सीआईडी अफसर और अन्य प्रशिक्षित जवान होते हैं। यह सुरक्षा मुख्य रूप से किसी व्यक्ति विशेष के लिए होती है, जिन पर जान का खतरा होता है।
वहीं, NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) एक विशेष बल है, जिसे आतंकवाद, हाईजैकिंग, बम धमाके जैसी खतरनाक स्थितियों से निपटने के लिए तैयार किया गया है। NSG कमांडो विशेष तौर पर प्रशिक्षित होते हैं और इन्हें ‘ब्लैक कैट कमांडो’ भी कहा जाता है। ये उन लोगों की सुरक्षा में लगाए जाते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा हो सकता है।
किन लोगों को मिल चुकी है NSG सुरक्षा?
वर्तमान में NSG सुरक्षा प्राप्त करने वालों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा प्रमुख मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, गुलाम नबी आजाद, फारूक अब्दुल्ला और चंद्रबाबू नायडू जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं।
सपा की दलील
सपा नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव एक राष्ट्रीय स्तर के राजनेता हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार सक्रिय रहते हैं। ऐसे में उन्हें NSG जैसी उच्च सुरक्षा व्यवस्था मिलना जरूरी है। पार्टी ने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि इस मामले में जल्द निर्णय लिया जाए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।