कौन हैं शुभांशु शुक्ला? भारत के नए अंतरिक्ष हीरो
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। वे Axiom-4 (Ax-4) मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय बने हैं और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले भारत के दूसरे नागरिक हैं।
उनकी यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष मिशनों, खासकर गगनयान कार्यक्रम, के लिए एक मजबूत आधार साबित होगी।
भारत ने इस मिशन पर खर्च किए ₹500 करोड़
- कुल खर्च: ₹500 करोड़ (लगभग $59 मिलियन)
- खर्च के उद्देश्य:
- ट्रेनिंग
- ISS की सीट
- सहयोगी एजेंसियां:
- ISRO (भारत)
- NASA (अमेरिका)
- ESA (यूरोप)
- SpaceX (अमेरिका)
- Axiom Space (प्राइवेट अमेरिकी कंपनी)
ISRO का मानना है कि यह मिशन भविष्य के मानव अंतरिक्ष अभियानों के लिए अनुभव और दिशा दोनों देगा।
धरती पर कब लौटेंगे शुभांशु शुक्ला?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके अंतरिक्ष सहयोगियों ने 14 जुलाई 2025 को शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी यात्रा शुरू की थी। वे SpaceX के ड्रैगन यान में सवार होकर लौट रहे हैं।
पृथ्वी पर वापसी की प्रक्रिया
- वायुमंडल में प्रवेश पर तापमान: करीब 1,600 डिग्री सेल्सियस
- पैराशूट सिस्टम:
- 5.7 किमी की ऊंचाई पर: स्टेबिलाइजिंग पैराशूट खुलेगा
- 2 किमी की ऊंचाई पर: मुख्य पैराशूट खुलेगा
- लैंडिंग स्थान: प्रशांत महासागर, कैलिफोर्निया तट के पास
- स्प्लैशडाउन का समय:
- तारीख: 15 जुलाई 2025
- समय: दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार)
लैंडिंग के बाद की प्रक्रिया
- स्प्लैशडाउन के तुरंत बाद एक विशेष रेस्क्यू शिप टीम उन्हें समुद्र से निकालेगी।
- इसके बाद होगी:
- मेडिकल जांच
- प्रारंभिक स्वास्थ्य देखभाल
- वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस पर डिब्रीफिंग और रिकवरी प्रक्रिया
एक जांबाज पायलट से अंतरिक्ष यात्री तक
- जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ
- वायुसेना में भर्ती: 2006 में फाइटर पायलट के रूप में
- उड़ाए गए विमान:
- मिग
- सुखोई
- डॉर्नियर
- जगुआर
- हॉक
- कुल उड़ान अनुभव: 2,000+ घंटे
गगनयान मिशन और भविष्य की योजनाएं
शुभांशु शुक्ला का यह अंतरिक्ष अनुभव ISRO के गगनयान मिशन के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। भारत की भविष्य की योजनाएं:
- 2027: पहला मानव अंतरिक्ष मिशन (गगनयान)
- 2035 तक: अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन
- 2040 तक: चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की योजना
शुक्ला उन 4 वायुसेना अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
भारत का अंतरिक्ष में अगला कदम
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत के लिए वैज्ञानिक क्षमता और अंतरिक्ष शक्ति का प्रतीक है। भारत ने जो निवेश किया है, वह आने वाले दशकों में अंतरिक्ष अनुसंधान, टेक्नोलॉजी और वैश्विक प्रतिष्ठा में कई गुना लाभ देगा।





