BY: Yoganand Shrivastva
भारत में एक ओर जहां पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चलते रोष का माहौल है, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने देशभर में जातिगत जनगणना कराने का बड़ा फैसला लिया है। यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे पर विस्तार से अपनी राय रखते हुए विपक्ष खासकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला।
“हमारे फैसले राजनीति नहीं, समाज हित के लिए होते हैं”
जब शिवराज से पूछा गया कि क्या यह फैसला भाजपा का चुनावी मास्टरस्ट्रोक है, तो उन्होंने कहा,
“हमारे फैसले ना मास्टरस्ट्रोक होते हैं और ना ही वोट बैंक के लिए। ये निर्णय देशहित और समाज के सभी वर्गों के आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं। जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े जुटाने का काम नहीं है, ये सुशासन और सामाजिक न्याय का आधार बनेगी।”
कांग्रेस पर सीधा हमला: “जब सत्ता में थे तो कुछ नहीं किया”
जातिगत जनगणना की टाइमिंग पर उठ रहे सवालों पर शिवराज ने विपक्ष को घेरा। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा:
“जब ये लोग सत्ता में थे तब कुछ नहीं किया, अब विपक्ष में आकर उछल-कूद कर रहे हैं। कांग्रेस बताए कि नेहरू जी ने जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवाई? उन्होंने तो जातिगत आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर असहमति जताई थी। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने इस पर क्या कदम उठाया? केवल एक कमेटी और सर्वे बनाकर छोड़ दिया गया, डेटा तक जारी नहीं किया गया।”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सत्ता में होने पर जातिगत जनगणना को टालती रही है, लेकिन विपक्ष में आकर राजनीतिक स्टंट करती है।
“कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय किया”
शिवराज ने यह भी आरोप लगाया कि पिछड़े वर्गों को उनका हक देने से कांग्रेस ने हमेशा मुंह मोड़ा। उन्होंने मंडल कमीशन और काका कालेलकर कमेटी का हवाला देते हुए कहा:
“गृह मंत्री बूटा सिंह ने मंडल रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था। कांग्रेस ने पिछड़ों को न्याय देने से इनकार किया है, यह एक ऐतिहासिक भूल है।”
राहुल गांधी पर निशाना: “पहले संविधान समझें”
राहुल गांधी द्वारा जातिगत आरक्षण की टाइमलाइन पूछने पर शिवराज ने चुटकी ली:
“कोई भी फैसला राहुल गांधी की सलाह पर नहीं होगा। जनगणना वैज्ञानिक तरीके से होगी और समय आने पर टाइमलाइन भी स्पष्ट की जाएगी। राहुल गांधी को पहले संविधान की पढ़ाई करनी चाहिए, ताकि वे सार्वजनिक मंच पर संवेदनशील मुद्दों पर गंभीरता से बात कर सकें।”
50% आरक्षण की सीमा पर क्या कहा?
शिवराज ने साफ किया कि अभी मुख्य उद्देश्य सटीक आंकड़े जुटाना है, जिससे योजनाएं बेहतर तरीके से बनाई जा सकें।
“जातिगत आंकड़े आने के बाद योजनाओं को अधिक प्रमाणिकता से बनाया जा सकेगा। बाद की नीति-निर्धारण प्रक्रिया समय के साथ तय होगी।”
पार्टी के पुराने बयानों पर सफाई
कई भाजपा नेताओं द्वारा पूर्व में जातिगत जनगणना को देश को तोड़ने वाला कदम कहे जाने पर शिवराज ने कहा,
“जब राज्यों ने अपने स्तर पर ऐसे सर्वे शुरू किए तो भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। कहीं-कहीं पर असंतोष भी देखने को मिला। चूंकि जनगणना केंद्र का विषय है, इसलिए यह जरूरी था कि केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक, पारदर्शी और संवेदनशील तरीके से कराए।”
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