सावन माह के पहले सोमवार पर लातूर में धार्मिक आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। जिले के प्रमुख धार्मिक स्थल सिद्धेश्वर रत्नेश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचे। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें लग गईं और माहौल “हर हर महादेव” के जयघोष से गूंज उठा।
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लातूर का ग्रामदैवत है सिद्धेश्वर रत्नेश्वर मंदिर
सिद्धेश्वर रत्नेश्वर मंदिर को लातूर का ग्रामदैवत माना जाता है।
- इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के राजा अमोघ वर्ष तृतीय ने करवाया था।
- लगभग 700 साल पुराना यह मंदिर आज भी अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के कारण श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
- सावन के पहले सोमवार को इस मंदिर का विशेष महत्व होता है और भक्त दूर-दूर से आकर जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करते हैं।
सावन का पहला सोमवार – आस्था का प्रतीक
श्रावण माह का पहला सोमवार भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है।
- भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान शिव का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर परिसर में एकत्रित होने लगे और कतार में खड़े होकर महादेव के दर्शन किए।
- मंदिर प्रांगण में शिवभक्तों के लिए विशेष पूजा और जलाभिषेक की व्यवस्था की गई थी।
भक्तों की उमड़ी भीड़
लातूर के सिद्धेश्वर रत्नेश्वर मंदिर के अलावा शहर के अन्य प्रमुख शिवालयों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
- महिलाएं, पुरुष और युवा भक्त जल लेकर मंदिरों तक पहुंचे और भगवान शिव को अर्पित किया।
- पूरा मंदिर परिसर भक्ति और आस्था के माहौल से सराबोर रहा।