ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते टकराव के बीच एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस रजा पहलवी ने मौजूदा शासन के खिलाफ बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस्लामिक गणराज्य के पतन की बात करते हुए अयातुल्ला अली खामेनेई को सत्ता से हटाने की खुली अपील की है।
ईरान में बढ़ते तनाव के बीच पहलवी का बयान
- इज़रायली हमलों में ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए हैं।
- राजधानी तेहरान में हालात अस्थिर हैं, लोग जान बचाकर शहर छोड़ रहे हैं।
- इसी बीच रजा पहलवी ने सोशल मीडिया पर एक जोरदार संदेश साझा किया।
उन्होंने लिखा कि खामेनेई अब “अंडरग्राउंड” हो चुके हैं और इस्लामी शासन अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने खामेनेई की तुलना चूहे से करते हुए कहा कि अब ईरानी जनता को इस “तानाशाही” के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
“यह ऐतिहासिक मोड़ है” – रजा पहलवी
रजा पहलवी ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा:
“इस्लामी गणराज्य का अंत, हमारे राष्ट्र के खिलाफ 46 वर्षों से चल रहे युद्ध का अंत है। अब समय आ गया है कि हम ईरान को फिर से हासिल करें।”
उन्होंने इसे “Irreversible Moment” यानी एक अपरिवर्तनीय क्षण बताया और जनता से एकजुट होकर क्रांति लाने की अपील की।
लोकतंत्र का वादा, अस्थिरता का खंडन
पहलवी ने लोगों की उस चिंता को भी दूर करने की कोशिश की जिसमें कहा जाता है कि खामेनेई के बाद ईरान अस्थिर हो जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि:
- एक राष्ट्रीय और लोकतांत्रिक संक्रमण सरकार तैयार है।
- यह सरकार पहले 100 दिनों के लिए होगी, जिसे ईरानियों द्वारा और ईरानियों के लिए बनाया जाएगा।
- सेना, पुलिस और सरकारी कर्मचारियों से उन्होंने अपील की कि वे मौजूदा शासन से दूरी बनाएं।
कौन हैं रजा पहलवी?
- रजा पहलवी ईरान के अंतिम शाह मोहम्मद रजा शाह पहलवी के सबसे बड़े बेटे हैं।
- 1979 की इस्लामी क्रांति के दौरान उनका पूरा परिवार देश छोड़कर अमेरिका चला गया था।
- रजा पहलवी अमेरिका में निर्वासन में रह रहे हैं और लंबे समय से धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ईरान की वकालत करते आ रहे हैं।
- हालांकि उनके पास कोई औपचारिक राजनीतिक ताकत नहीं है, लेकिन उन्हें ईरानी प्रवासियों और कई सुधारवादी समूहों का समर्थन हासिल है।
पहलवी राजवंश: ईरान का आधुनिक इतिहास
- 1925 में रजा शाह पहलवी ने सत्ता संभाली थी, जिन्होंने कजर वंश को तख्त से हटाया।
- उन्होंने देश में आधुनिकीकरण की शुरुआत की – सड़कें, स्कूल, सेना विकसित की।
- WWII के दौरान नाजी जर्मनी से गठजोड़ करने के कारण उन्हें पद से हटाया गया और उनके बेटे मोहम्मद रजा शाह सत्ता में आए।
- मोहम्मद रजा शाह ने “श्वेत क्रांति” शुरू की – महिलाओं के अधिकार और भूमि सुधार जैसे कदम लिए।
- घरेलू कट्टरपंथी इस बदलाव के खिलाफ हो गए।
- 1979 की क्रांति में शाह शासन खत्म हुआ और खुमैनी ने इस्लामी गणराज्य की नींव रखी।
रजा पहलवी का यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान में राजनीतिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय तनाव चरम पर है। उनका दावा कि खामेनेई शासन अब खत्म होने की कगार पर है, ईरान के भविष्य की राजनीति को एक नया मोड़ दे सकता है। क्या वाकई ईरान लोकतंत्र की ओर बढ़ेगा या यह केवल एक राजनीतिक बयानबाजी रह जाएगी – यह समय बताएगा।