रामकृष्ण फोर्जिंग लिमिटेड के शेयरों में सोमवार को करीब 4.8% की गिरावट देखी गई, क्योंकि कंपनी ने अपनी वार्षिक स्टॉक जाँच के दौरान इन्वेंट्री (सूची) में विसंगतियों का खुलासा किया। यह विसंगतियाँ कंपनी की नेट वर्थ (कुल संपत्ति) पर 4-5% का असर डाल सकती हैं, जिसका अनुमानित मतलब है करीब 150 करोड़ रुपये का नुकसान।
क्या हुआ?
- कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए की गई स्टॉक जाँच में यह विसंगतियाँ पाईं।
- इसकी जाँच के लिए एक फॉरेंसिक ऑडिट (गहन जाँच) की जा रही है, जिसे स्वतंत्र एजेंसियाँ कर रही हैं।
- प्रबंधन ने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब ऐसी गड़बड़ी सामने आई है।
प्रोमोटर्स ने क्या किया?
कंपनी के प्रोमोटर्स (संस्थापक/मालिक) ने घोषणा की कि वे किसी भी कमी को पूरा करने के लिए फंड लगाएँगे, ताकि कंपनी की वित्तीय स्थिति पर ज्यादा असर न पड़े। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर नरेश जालान ने निवेशकों से बातचीत में कहा:
“हमारी प्राथमिकता इस विसंगति का सही आकलन करना और उचित कार्रवाई करना है। मैं इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेता हूँ और शेयरधारकों के हितों की रक्षा करूँगा।”
बाजार और विश्लेषकों की प्रतिक्रिया
- शेयर की कीमत 625 रुपये तक गिर गई, जबकि सेंसेक्स 1.3% चढ़ा था।
- DAM कैपिटल के विश्लेषक मितुल शाह ने कहा कि जब तक ऑडिट रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक असर का सही अनुमान लगाना मुश्किल है। उन्होंने कंपनी के शेयर को “रिव्यू अंडर” (समीक्षा के तहत) रखा है।
कंपनी के बारे में
- रामकृष्ण फोर्जिंग ऑटोमोटिव, रेलवे, रक्षा और खनन क्षेत्रों को फोर्ज्ड पार्ट्स सप्लाई करती है।
- टाटा मोटर्स इसका सबसे बड़ा ग्राहक है।
- पिछले साल कंपनी ने पैसेंजर वाहन, ट्रैक्टर और हल्के वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट में विस्तार किया था।
आगे क्या?
- फॉरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि वित्तीय प्रभाव कितना गंभीर है।
- कंपनी ने कहा कि अगर कोई नुकसान होता है, तो उसे एकमुश्त (वन-टाइम) चार्ज के रूप में दिखाया जाएगा।
निष्कर्ष:
यह मामला कॉर्पोरेट गवर्नेंस (शासन प्रणाली) पर सवाल खड़ा करता है, लेकिन प्रोमोटर्स की तरफ से तुरंत कदम उठाने से निवेशकों को कुछ राहत मिली है। अभी ऑडिट रिपोर्ट का इंतजार है, जो स्थिति को और स्पष्ट करेगी।