रिपोर्ट- सुमन
जयपुर: अंता में जीत के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की योजनाओं, बिहार चुनाव और सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की पिछली सरकार की योजनाओं को कमज़ोर या बंद कर दिया गया, जबकि देश के कई राज्यों में अब भी उन योजनाओं की मिसाल दी जाती है।
गहलोत ने कहा कि आज आप राजस्थान के किसी भी गाँव में चले जाएँ, एक ही बात मिलेगी कि पिछली सरकार की योजनाएँ बेहद शानदार थीं और लाभ मिल रहा था। लेकिन वर्तमान सरकार ने उन्हें या तो कमजोर कर दिया या बंद कर दिया। हमारी योजनाओं की चर्चा पूरे देश में होती है, खासकर स्वास्थ्य बीमा योजना की। 25 लाख का बीमा देश में कहीं नहीं था।

उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार ने न केवल योजनाएँ बंद कीं, बल्कि लोगों के अधिकारों का भी हनन किया। बिहार चुनाव पर तीखा हमला बोला, चुनाव के बीच सरकारी पैसे बांटना खतरनाक खेल है। बिहार के ताजा नतीजों को लेकर उन्होंने गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में जिस तरह चुनाव के दौरान सरकारी पैसे खाते में भेजे गए, वह अभूतपूर्व है। यह धनबल का चुनाव था। जिस पेंशन को चार सौ से बढ़ाकर 1100 रुपए किया गया, वह चुनाव प्रचार के दौरान बांटी गई। महिलाओं को दस हज़ार रुपए तक भेजे गए। यदि चुनाव के एक दिन पहले किसी के खाते में पैसा आएगा, तो इसका क्या मतलब है?
गहलोत ने इसे लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक बताते हुए कहा कि ऐसा पहली बार देखा गया है कि मतदान से ठीक पहले सैकड़ों करोड़ रुपए सरकारी फंड से लोगों के खातों में भेजे गए।
“सुप्रीम कोर्ट आदेश दे रहा, सरकार सुन नहीं रही”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि बिहार में एसआईआर से जुड़ी घोषणाएँ अचानक क्यों की गईं, जबकि मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं कर रही। बिहार चुनाव में यह सब कुछ संदेह पैदा करता है।




