BY: Yoganand Shrivastva
प्रतापगढ़, प्रतापगढ़ जिले में एक बार फिर बाहुबली विधायक राजा भइया के पिता कुंवर उदय प्रताप सिंह को नजरबंद किया गया है। मुहर्रम के मद्देनज़र प्रशासन ने यह एहतियाती कदम उठाया है। उनके साथ 13 समर्थकों को भी नजरबंद कर भदरी कोठी स्थित उनके आवास पर पुलिस बल तैनात किया गया है। इस कार्रवाई को लेकर इलाके में चर्चा तेज हो गई है।
रविवार रात 9 बजे तक नजरबंदी का आदेश
अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) संजय राय ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार सुबह 5 बजे से रविवार रात 9 बजे तक के लिए नजरबंदी का आदेश जारी किया गया है। निरीक्षक संजय सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने भदरी कोठी पहुंचकर नजरबंदी का नोटिस आवास के बाहर चस्पा किया।
पुलिस तैनाती और नोटिस की प्रक्रिया
नोटिस लगाए जाने के दौरान कुंवर उदय प्रताप सिंह अपने 13 करीबी समर्थकों के साथ कोठी में मौजूद थे। सभी को घर के अंदर ही सीमित कर दिया गया है और घर के चारों ओर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पिछले वर्षों से जुड़ा विवाद
इस नजरबंदी की पृष्ठभूमि 2012 में हुए एक घटनाक्रम से जुड़ी है। कोतवाली कुंडा थाना क्षेत्र के शेखपुर गांव में मुहर्रम के दिन एक बंदर की मौत हो गई थी। इसके बाद उसी दिन से शेखपुर आशिक स्थित हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम शुरू किया गया।
2015 में कार्यक्रम ने लिया बड़ा रूप
प्रारंभ में यह धार्मिक आयोजन छोटे स्तर पर किया जाता था, लेकिन 2015 में कुंवर उदय प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम विस्तृत रूप में आयोजित होने लगा।
इसी के चलते प्रशासन ने 2016 में भंडारे पर आपत्ति जताई थी और उसी वर्ष से नजरबंदी की परंपरा शुरू हुई, जो आज तक जारी है। प्रशासन का मानना है कि मुहर्रम और इस आयोजन के एक ही दिन पड़ने से सांप्रदायिक तनाव की संभावना बनी रहती है, जिसे रोकने के लिए यह कदम जरूरी है।
हर वर्ष दोहराया जाता है नजरबंद का आदेश
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मुहर्रम के दिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से उदय प्रताप सिंह को हर साल नजरबंद किया जाता है।
चूंकि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और इसकी समयावधि मुहर्रम से टकराती है, इसलिए जिला प्रशासन संवेदनशीलता को देखते हुए पूर्व-एहतियात के तौर पर नजरबंदी लागू करता है।
राजा भइया के परिवार का स्थानीय राजनीति में प्रभाव हमेशा चर्चा में रहा है। वहीं कुंवर उदय प्रताप सिंह की सक्रियता और धार्मिक आयोजनों में उनकी भूमिका भी प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी रहती है।
इस बार भी मुहर्रम की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए उन्हें और उनके समर्थकों को घरेलू नजरबंदी में रखा गया है, ताकि क्षेत्र में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके।