कास्ट: अजय देवगन, रितेश देशमुख, वाणी कपूर
डायरेक्टर: राज कुमार गुप्ता
स्टार रेटिंग: ★★★
राज 2, अजय देवगन की 2018 की हिट फिल्म राज का सीक्वल है। इस बार भी कहानी ईमानदार इनकम टैक्स ऑफिसर अमय पटनायक (अजय देवगन) के इर्द-गिर्द घूमती है।
क्या है कहानी?
फिल्म की शुरुआत में अमय पर रिश्वत लेने का आरोप लगता है। उन्हें भोज नाम की जगह ट्रांसफर कर दिया जाता है। वहाँ दादा भाई (रितेश देशमुख) नाम का एक ताकतवर नेता राज करता है। अमय को शक होता है कि दादा भाई काले धन में डूबा हुआ है। वह उसके घर और दफ्तरों पर छापे मारता है। आगे क्या होता है, यही फिल्म की कहानी है।
फिल्म की अच्छी बातें
- पहले हाफ में हर मोड़ पर एक नया ट्विस्ट है। दर्शक अनुमान नहीं लगा पाते कि आगे क्या होगा।
- राज कुमार गुप्ता ने थ्रिल को अच्छी तरह से हैंडल किया है।
- अजय देवगन और रितेश देशमुख का मुकाबला दिलचस्प है।
कमजोर पॉइंट्स
- फिल्म में बहुत ज्यादा “कॉन्वीनिएंस” है। मतलब, हीरो को हर जगह आसानी से मदद मिल जाती है।
- विलन (रितेश देशमुख) का किरदार धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाता है। उसकी डरावनी छवि बनती है, पर जल्दी ही खत्म हो जाती है।
- दूसरा हाफ थोड़ा धीमा चलता है।
एक्टिंग
- अजय देवगन ने फिर से अपने स्टाइल में अमय का रोल निभाया है। वह शांत और मजबूत दिखते हैं।
- रितेश देशमुख ने दादा भाई का रोल बखूबी किया है। उनका गुस्सा और ठंडा अंदाज देखने लायक है।
- वाणी कपूर का रोल छोटा और बेमतलब है। वह सिर्फ ग्लैमर के लिए फिल्म में हैं।
- सौरभ शुक्ला (ताऊजी) और सुप्रिया पाठक (दादा भाई की मां) ने अच्छा किया है।
म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर
गाने यादगार नहीं हैं। सिर्फ अमित त्रिवेदी का बैकग्राउंड स्कोर पुरानी फिल्म की याद दिलाता है।
फाइनल वर्ड
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत अजय और रितेश का मुकाबला है। पर विलन का किरदार कमजोर होने और दूसरे हाफ के धीमेपन की वजह से फिल्म पूरी तरह से इम्पैक्ट नहीं बना पाती। अगर आपको एक्शन-थ्रिलर पसंद है, तो आप इसे देख सकते हैं।
रेटिंग: 3/5
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