भारी बारिश ने पूर्वोत्तर को किया तबाह
पिछले दो दिनों में पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएँ हुईं, जिनमें कम से कम 28 लोगों की जान चली गई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसे बांग्लादेश के ऊपर बने दबाव के कारण हुई बारिश बताया है।
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राज्य सरकारों ने किया हाई अलर्ट जारी
- पूरे क्षेत्र के राज्य सरकारों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
- विशेष रूप से शुक्रवार की तेज बारिश के बाद सभी क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया।
अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन से तबाही
- नेशनल हाईवे 13 पर ईस्ट कामेंग जिले के बाना और सेप्पा के बीच हुए भूस्खलन से 7 लोगों की मौत हुई।
- लोअर सुबनसिरी जिले में भूस्खलन की एक और घटना में 2 लोग मारे गए।
- स्थानीय विधायक मामा नटुंग ने परिवारों के प्रति संवेदना जताई और लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया।
असम में शहरी बाढ़ और भूस्खलन का कहर
- गुवाहाटी शहर में बाढ़ ने जनजीवन ठप्प कर दिया।
- बॉन्डा क्षेत्र के बाहर भूस्खलन में 5 लोगों की मौत हुई।
- गुवाहाटी और कामरूप जिले में स्कूल-कॉलेज बंद रहे।
- सरकारी कर्मचारियों को विशेष कैज़ुअल लीव की सुविधा दी गई।
- राज्य के 12 जिलों में बाढ़ का प्रकोप, गोलाघाट और लखीमपुर जिलों में 3 मौतें।
मिजोरम और मेघालय में भी तबाही
- मिजोरम में 113 जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं, 5 मौतें हुईं।
- मेघालय में बीते दो दिनों में 6 लोगों की मौत हुई।
- नागालैंड के चुमोकेदिमा जिले में एक ट्रक ड्राइवर की चट्टान गिरने से मौत हुई।
मणिपुर में बाढ़ और भूस्खलन
- इम्फाल नदी के किनारे टूटने से इम्फाल ईस्ट जिले के कई हिस्से जलमग्न।
- सेनापति, उखरुल, तामेंगलॉन्ग, नोनी और फेरज़ॉल पहाड़ी जिलों में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन।
- 277 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया, 8 राहत शिविर बनाए गए।
सुरक्षा के लिए सुझाव
- बारिश के दौरान रात में यात्रा से बचें।
- स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
- आपातकालीन नंबर और राहत केंद्रों की जानकारी रखें।
निष्कर्ष
पूर्वोत्तर भारत में मौसमी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सतर्कता और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन इस संकट से सुरक्षित निकलने का एकमात्र उपाय है।