BY: Yoganand Shrivastva
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे शहर में हाल ही में सामने आए एक कथित बलात्कार के मामले में चौंकाने वाला मोड़ आ गया है। जहां पहले दावा किया गया था कि एक डिलीवरी एजेंट ने महिला के फ्लैट में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया, वहीं अब पुलिस जांच में सच्चाई कुछ और ही निकली।
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह पूरा मामला झूठा था और युवती ने जानबूझकर फर्जी शिकायत दर्ज कराई थी।
झूठी शिकायत से पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
सीपी अमितेश कुमार ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा, “इस केस में यह बात सामने आई है कि युवती ने जानबूझकर पुलिस को गुमराह किया। वह व्यक्ति जिसे डिलीवरी एजेंट बताया गया, वास्तव में महिला का परिचित था।” उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इस झूठी शिकायत का उद्देश्य पुणे को महिलाओं के लिए असुरक्षित साबित करना था।
पुलिस ने 24 घंटे में किया सच्चाई का खुलासा
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जैसे ही इस घटना की जानकारी पुलिस को मिली, उन्होंने पूरे संसाधनों को झोंककर जांच शुरू की और महज 24 घंटे के भीतर सच को उजागर कर दिया। उन्होंने कहा, “पुणे देश के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है और किसी को भी झूठे आरोपों से इसकी छवि को धूमिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”
क्या था महिला का दावा?
22 वर्षीय IT पेशेवर महिला ने पहले यह आरोप लगाया था कि एक अज्ञात कूरियर डिलीवरी एजेंट ने उसके घर में घुसकर नशीला स्प्रे किया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने यह भी कहा कि आरोपी ने धमकी भरे संदेशों के साथ सेल्फी खींची।
जांच में निकला महिला का झूठ
लेकिन जैसे ही पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल की जांच की, तो पता चला कि जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया गया, वह पहले से महिला का जानकार था। पूछताछ में महिला ने खुद स्वीकार किया कि उसने गुस्से में आकर झूठी शिकायत दर्ज करवाई थी।
पुलिस की चेतावनी
पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा है कि ऐसे झूठे मामलों से न केवल कानून व्यवस्था पर असर पड़ता है, बल्कि वास्तविक पीड़ितों को न्याय दिलाना भी मुश्किल होता है। पुलिस अब इस मामले में झूठी शिकायत दर्ज करने की धाराओं के तहत महिला पर भी कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।