रिपोर्ट: सुधीर वर्मा BY: Vijay Nandan
रायपुर: छत्तीसगढ़ में सियासी जंग अब दीवारों पर उतर आई है। प्रदेश में पोस्टर वार एक बार फिर तेज़ हो गया है। ताज़ा मामले में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की हालिया बैठक को निशाने पर लेते हुए एक पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर में कांग्रेस के एक जिला अध्यक्ष को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से शिकायत करते हुए दिखाया गया है।
बताया जा रहा है कि यह पोस्टर कांग्रेस की उस बैठक के बाद सामने आया है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने देशभर के सभी जिला अध्यक्षों के साथ दिल्ली में चर्चा की थी। इस मुलाक़ात के बाद कांग्रेस संगठन को मज़बूत करने का दावा कर रही थी, लेकिन बीजेपी ने उसी बैठक को पोस्टर में बदलकर तंज कसा है।
पोस्टर में दिखाई गई अंदरूनी कलह और असंतोष कांग्रेस के भीतर उठते सवालों को सामने लाता है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के नेता खुद ही अपनी पार्टी की हालत से परेशान हैं और अब इसे छिपाया नहीं जा सकता।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में पोस्टर वॉर कोई नई बात नहीं है। पहले भी चुनावी मौसम में दोनों पार्टियाँ एक-दूसरे पर इसी तरह से कटाक्ष करती रही हैं। लेकिन इस बार का पोस्टर इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में ज़ुबानी जंग के साथ-साथ पोस्टर की राजनीति और तेज़ हो सकती है। राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा है कि क्या कांग्रेस इस पोस्टर का जवाब देगी या चुप्पी साधेगी?

इससे पहले कांग्रेस भी पीछे नहीं रही
इस पोस्टर का जवाब देने जैसा माहौल इसलिए भी बना क्योंकि इससे पहले कांग्रेस ने सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी पर हमला बोला था। कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ कई पोस्टर जारी कर सरकार की नीतियों, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाया था। इन पोस्टरों में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने ‘जनविरोधी फैसलों’ की आलोचना की थी।
पुराना है छत्तीसगढ़ में पोस्टर की सियासत का इतिहास
छत्तीसगढ़ की राजनीति में पोस्टर पॉलिटिक्स कोई नई बात नहीं है। चुनावी माहौल हो या कोई बड़ा मुद्दा — दोनों ही प्रमुख दल एक-दूसरे पर पोस्टर और बयानों के जरिए लगातार हमलावर रहे हैं। इस बार भी कुछ अलग नहीं है।
क्या कहती है जनता और राजनीतिक विश्लेषक?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह की पोस्टरबाज़ी सियासी माहौल को गर्म तो करती है लेकिन असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम भी करती है। वहीं जनता भी इस बात पर सवाल उठा रही है कि क्या अब राजनीति सिर्फ नारों और पोस्टरों तक ही सीमित रह गई है? अब देखना होगा कि कांग्रेस इस पर क्या जवाब देती है और आने वाले दिनों में यह पोस्टर वॉर किस दिशा में जाता है।




