प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29-30 अगस्त 2025 को जापान की यात्रा पर रहेंगे। यह दौरा इसलिए खास है क्योंकि इसमें भारत-जापान के 15वें वार्षिक सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें पीएम मोदी जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ शिरकत करेंगे। इस बैठक को दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई देने वाला कदम माना जा रहा है।
भारतीय राजदूत का बयान – “महत्वपूर्ण मंच है क्वाड”
जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने पीएम मोदी की यात्रा से पहले कहा कि इस दौरे में कई अहम समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने विशेष रूप से क्वाड (QUAD) का जिक्र करते हुए इसे “समान सोच वाले देशों का महत्वपूर्ण मंच” बताया।
- क्वाड में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
- यह संगठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
- जॉर्ज ने संकेत दिया कि मोदी-इशिबा मुलाकात के दौरान वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति और क्वाड की भूमिका पर विस्तार से चर्चा होगी।
भारत-जापान रिश्तों को नई गति
राजदूत सिबी जॉर्ज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इशिबा इससे पहले दो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों—लाओस शिखर सम्मेलन और कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन—के दौरान मिल चुके हैं। लेकिन यह यात्रा इशिबा के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी पहली आधिकारिक मुलाकात होगी।
उन्होंने इसे एक “महत्वपूर्ण वार्षिक शिखर सम्मेलन” करार दिया और कहा कि यह यात्रा भारत-जापान संबंधों के सभी आयामों को मजबूत करेगी।
पिछले दशक में बढ़ा सहयोग
जॉर्ज ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत और जापान ने:
- क्षमता निर्माण के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए हैं।
- आर्थिक और तकनीकी सहयोग को गहरा किया है।
- सुरक्षा और रक्षा साझेदारी को मजबूत किया है।
यही वजह है कि आने वाला शिखर सम्मेलन दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा और रफ्तार देगा।
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पीएम मोदी का यह जापान दौरा सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें क्वाड सहयोग, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता और वैश्विक राजनीति पर भी अहम चर्चा होने की उम्मीद है।





