संसद का मानसून सत्र बुधवार (24 जुलाई) से एक बार फिर से शुरू हो रहा है। बजट पेश होने के बाद आज संसद के दोनों सत्रों यानी लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा होने वाली है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों सदनों में विपक्ष की ओर से जोरदार हंगामा किया जा सकता है। बजट को लेकर पहले से ही विपक्ष पूरी तरह से तैयार है और इसे पक्षपात बता रहा है। इसी मुद्दे को विपक्षी दल के नेता सदन के दोनों सभाओं में जोर-शोर से उठाने वाले हैं। बजट को लेकर भड़के स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ऐलान किया है कि डीएमके सांसद बजट के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस बजट से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे। केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र ने बजट में तमिलनाडु को नजरअंदाज किया है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी बैठक का बहिष्कार करेंगे।
ममता ने भी की आलोचना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए इसे “गरीब विरोधी और राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण” बताया है। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि बजट का उद्देश्य जनता के कल्याण को प्राथमिकता देने के बजाय एनडीए सहयोगियों को खुश करना है। बजट में कुछ राज्यों के लिए किसी भी तरह की योजना का ऐलान नहीं किया गया है।
बिहार और आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को रिकॉर्ड सातवीं बार बजट पेश किया है। इस बजट में दो राज्यों के लिए सबसे बड़ा ऐलान किया गया है। आंध्र प्रदेश को अमरावती शहर को राजधानी के तौर पर तैयार करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को 15 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा बजट 2024-25 के अंदर बिहार में तीन एक्सप्रेसवे और बक्सर में गंगा नदी पर दो पुल बनाए जाएंगे, जिसके लिए 26 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।