रिपोर्टरः उमेश डहरिया
कोरबा, छत्तीसगढ़: शासकीयकरण की मांग को लेकर 17 मार्च से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों के आंदोलन में बड़ा हादसा हो गया है। पाली ब्लॉक में भूख हड़ताल के चौथे दिन कुटेलामुड़ा पंचायत के सचिव राजकुमार कश्यप की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उनकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
इस दुखद घटना ने पूरे पंचायत सचिव संघ को गहरे शोक और आक्रोश में डाल दिया है। वहीं सचिव के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। आंदोलनकारियों और मृतक के साथियों में प्रशासन के प्रति गहरा असंतोष देखा जा रहा है।
जनपद कार्यालय के पास लगा था धरना स्थल
पाली ब्लॉक के जनपद पंचायत कार्यालय के समीप पंचायत सचिवों ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना स्थल स्थापित किया था। सचिव लगातार भीषण गर्मी के बीच आंदोलनरत थे। हड़ताल में शामिल सचिव राजकुमार कश्यप ने दोपहर के समय अचानक सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत की।
हालत बिगड़ने पर साथी सचिवों ने उन्हें तत्काल चिकित्सकीय मदद पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
संघ में उबाल, परिजनों में कोहराम
राजकुमार कश्यप की असामयिक मृत्यु से सचिव संघ में गहरा आक्रोश है। संघ का कहना है कि सरकार की अनदेखी और उपेक्षा के कारण यह हादसा हुआ है। सचिवों की लंबे समय से चल रही मांगों पर सरकार का उदासीन रवैया आंदोलनकारियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बनता जा रहा है।
साथ ही संघ ने मृतक सचिव के परिवार को उचित मुआवजा और एक परिजन को नौकरी देने की मांग की है।
प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद सचिव संघ ने यह सवाल उठाया है कि जब हड़ताल की सूचना पहले से थी, तब स्थानीय प्रशासन ने कोई मेडिकल सुविधा या स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था क्यों नहीं की?
राजकुमार कश्यप की मौत ने पंचायत सचिवों के आंदोलन को और अधिक संवेदनशील और गंभीर बना दिया है। सचिव संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। अब देखना यह होगा कि शासन इस त्रासदी से कोई सबक लेता है या नहीं।
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